essay on कोविड महामारी और विश्व जनता
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कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। स्वास्थ्य के साथ साथ इस समय पूरी दुनिया एक बड़े आर्थिक संकट की तरफ भी बढ़ रही है जिसकी वजह से वैश्विक मंदी स्पष्ट रूप से दिख रही है। पिछले एक महीनें में ही दुनिया भर के शेयर बाजार धराशायी हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दुनिया भर में कोरोना की महामारी 2.5 करोड़ लोगों का रोजगार छीन लेगी। यह पहले से जारी वैश्विक आर्थिक संकट में कोढ़ में खाज की तरह साबित होगी। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 3.6 लाख करोड़ डॉलर का झटका लगेगा। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इससे आर्थिक और श्रम संकट गहराएगा।
कोरोना वायरस का दुनिया पर प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने भी एक अध्ययन में कहा है कि वैश्विक स्तर पर एक समन्वित नीति बनती है तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। चीन में जनवरी-फरवरी माह में 50 लाख लोगों ने कोरोना के आर्थिक दुष्प्रभाव के चलते नौकरी गंवा दी। वुहान, शंघाई समेत तमाम शहरों में कामबंदी और व्यापारिक गतिविधियां ठप हो जाने से यह नुकसान हुआ। चीन में बेरोजगारी दर भी जनवरी में 5.3 फीसदी के मुकाबले फरवरी में 6.2 फीसदी हो गई है। इसका असर चीन की विकास दर पर भी दिख सकता है।
दुनियाभर में तेजी के साथ फैल रहे घातक कोरोना वायरस ने वैश्विक अर्थव्यस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसके चलते वस्तुओं एवं सेवाओं की मांग और आपूर्ति दोनों पर असर पड़ा है। तेल की बढ़ी आपूर्ति और मांग में कमी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से कोरोना पर 24 जनवरी को हुई पहली बैठक के बाद से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
कोरोना का दुनिया के व्यवसायों पर असर साफतौर पर देखा जा सकता है, जहां कंपनियां अपने ऑपरेशंस कम कर रही हैं, कर्मचारियों से यह कहा जा रहा है कि वे घरों से काम करें और उत्पादन के लक्ष्य को कम किया जा रहा है। ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनोमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) ने अंतरिम आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में मार्च के पहले हफ्ते में कोविड के चलते वैश्विक जीडीपी में 50 बेसिस प्वाइंट (2019 में 2.9 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत) का अनुमान लगाया है। गौरतलब है कि 100 बेसिस प्वाइंट एक प्रतिशत प्वाइंट के बराबर है।
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कोरोना एक वायरस जनित रोग है जिसने महामारी का रूप ले लिया है और समस्त संसार में तबाही मचा रहा है। इस रोग की शुरुआत जुकाम एवं खासी मात्र से होती है जो धीरे-धीरे आगे चल कर एक विकराल रूप ले लेती है और रोगी के स्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती है। इतनी बुरी तरह की कई बार रोगी की मृत्यु हो जाती है।
इसकी उतपत्ति कहाँ से हुई?
कोरोना की उत्पत्ति सबसे पहले 1930 में एक मुर्गी में हुई थी और इसने मुर्गी के स्वसन प्रणाली को प्रभावित किया था और आगे चलकर 1940 में कई अन्य जानवरों में भी पाया गया। इसके बाद सन् 1960 में एक व्यक्ति में पाया गया जिसे सर्दी की शिकायत थी। इन सब के बाद वर्ष 2019 में इसे दुबारा इसका विकराल रूप चीन में देखा गया जो अब धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैलता जा रहा है।
कैसे करें कोरोना से बचाव
कोरोना से बचाव करने में ही समझदारी है, क्यों की यह एक संक्रामक रोग है जो बहुत ही तेजी से एक दूसरे में फैलता है। डब्लू एच ओ ने कुछ सावधानियों की सूची निकाली है और यह भी बताया है की कोरोना से बचाव के ये मूल मंत्र हैं। आइये इन्हें विस्तार में जानते हैं।
सदैव बहार से आने के बाद अपने हाथों को साबुन से करीब 20-30 सेकंड तक अवश्य धोएं।
अपने हाथों को अपने मुख से दूर ही रखें, जिससे की संक्रमण होने पर भी आपके अंदर न जा पाए।
लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी सदैव बनाये रखें।
जरूरी न हो तो बाहर न जाये।
सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
सदैव मास्क और ग्लव्स पहने।
संक्रमण की स्थिति में खुद को दूसरों से अलग कर लें और नजदीकी अस्पताल में सूचित करें।
निष्कर्ष
कोरोना एक जान लेवा बीमारी है, जो कभी भी और किसी को भी हो सकता है। इस लिये बताइ गई सावधानी अवश्य बरतें और सतर्क रहें। बच्चों को भी समझाए और हाथ धुलने की आदत उनमे भी सिखाये और इस बीमारी को दुनिया से ख़तम करने की जंग में एक बहुमूल्य योगदान अपना भी दे।