essay on ladki bachao ladki padao
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तोह आज का निबद्ध का विषय है "बेटी पदाओ बेटी बचाओ".यह विषय काफी मज़ेदार है. में सिर्फ ज़रूरी बात लिखूंगी.अगर आपको एस्से चाहिए तोह आप उसे कृपया करके बड़ा लीजिये ग.
बेटियां देवी की रूप होते है.उन्हें तकलीफ देने का हमारा कोई हक़ नहीं है.उन्हें लक्लीफ देने का मतलब है देवियों का असम्मान करना.
हम पहले के जमसे से शुरुवात करेंगे.
पहले सिर्फ लड़कों को पढ़ाया जाता था.उस्वक़्त लड़कियों को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता था.उन्हें पड़ ने का कोई हक़ नहीं था.वह सिर्फ घर के काम करते थे.
अब हम आज के ज़माने के बात करेंगे .
आज के ज़माने में लड़कियां भी पढ़ाई की उतनीही हकदार है जितने की लड़के है.उन्हें भी पड़ने का पूरा हक़ है.आज भी ऐसे कुछ लोग है जो लड़कियों को पड़ ने से रोकते है.
लड़कियों को पड़ हाना बहुत ज़रूरी है.हम अपने देश की बेटियों को पड़ हाकर उनिकी रक्षा भी कर पाएंगे.वह गर शिक्षित होंगे तोह खुदके रक्षा कर पाएंगे.
इस तरह से हम उन्हें पड़ा कर उन्हें बचा पाएंगे.
तोह आज आइये हम सब प्रण लेते है की इस देश की साड़ी बेटियों को पड़ा कर उन्हें बचाएंगे.