CBSE BOARD XII, asked by arunvarmaother5755, 11 months ago

Essay on letter to Mahatma Gandhi in hindi

Answers

Answered by Rohitpoul
6

Explanation:

राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। हम उन्‍हें प्‍यार से बापू पुकारते हैं। इनका जन्‍म 2 अक्‍टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। सभी स्‍कूलों और शासकीय संस्‍थानों में 2 अक्‍टूबर को इनकी जयंती मनाई जाती है। उन्‍हीं के प्रेरणा से हमारा देश 15 अगस्‍त 1947 को आजाद हुआ।

गांधीजी के पिता करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वह धार्मिक विचारों वाली थी।

उन्‍होंने हमेशा सत्‍य और अहिंसा के लिए आंदोलन चलाए। गांधीजी वकालत की शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए इंग्‍लैंड भी गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्‍होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्‍मा गांधी सत्‍य और अहिंसा के पुजारी थे।

एक बार गांधीजी मुकदमे की पैरवी के लिए दक्षिण अ‍फ्रीका भी गए थे। वह अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर अत्‍याचार देख बहुत दुखी हुए। उन्‍होंने डांडी यात्रा भी की।

गांधीजी की 30 जनवरी को प्रार्थना सभा में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्‍या कर दी। महात्‍मा गांधी की समाधि राजघाट दिल्‍ली पर बनी हुई है।

Answered by rishika79
4

Answer:

Explanation:

हमारे भारत देश में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया। परन्तु ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि से सम्मानित केवल महात्मा गाँधी थे। उन्हें ‘बापू’ भी कहा गया। वह बीसवीं सदी के भारत के महान पुरुष कहलाए।

महात्मा गाँधी ने अपना पूरा जीवन भारत देश की सेवा में लगा दिया। हमारा भारत अंग्रेजों के अधीन था तथा गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। वर्षों से पराधीन इस देश की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गाँधी ने बहुत योगदान दिया।

महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्तूबर, 1868 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम कर्मचन्द गाँधी तथा माता का नाम पुतली बाई था। गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचन्द गाँधी था। गाँधी जी की हाई स्कूल तक की पढ़ाई राजकोट में हुई तथा वकालत की पढ़ाई करने के लिए वे इंग्लैण्ड चले गए। वहाँ से वे भारत में बैरिस्टर बनकर लौटे। इनका विवाह कस्तूरबा के साथ हुआ था।

महात्मा गाँधी जी एक मुकदमे के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका गए। उन दिनों अफ्रीका में काले-गोरे का बहुत भेदभाव चल रहा था। वहाँ भारतीयों का भी अपमान किया जाता था। गाँधी जी यह सब कुछ सहन न कर सके और उन्होंने वहाँ सत्याग्रह आंदोलन किया जिसमें इन्हें सफलता मिली तथा अफ्रीका में भारतीयों को सम्मान मिला।

जब गाँधी जी वापस भारत में आए तब भारत पर ब्रिटिश सरकार का शासन था। वे भारतीयों पर अत्याचार कर रहे थे। यह सब देखकर गाँधी जी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े तथा उनके नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में क्रान्ति की। लहर दौड़ गई। सन् 1942 में गाँधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ों आंदोलन प्रारंभ हुआ। इससे पहले 1929 में कांग्रेस अधिवेशन में भारत की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी गई थी। आखिर में इन आंदोलन तथा राजनीतिक गतिविधियों के बाद भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो गया। यह सब गाँधी जी तथा अन्य भारतीयों के बलिदान का परिणाम था।

30 जनवरी, 1948 के दिन नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने गोली मारकर इनकी हत्या कर दी।

गाँधी जी अंहिसा में विश्वास रखते थे तथा सत्य के पुजारी थे। वह जाति-पाति तथा छुआ-छूत के भेद को मिटाना चाहते थे तथा हिन्दू-मुस्लिम एकता चाहते थे। वह सच्चे देशभक्त थे तथा भारत माता के सच्चे सपूत थे।

Hope it helps you.. .

Have a great day.. .

Thanks

Similar questions