Essay on Mai Himalay Bol Raha Hun
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मैं हिमालय बोल रहा हूँ |
मैं हिमालय, हिमालय पर्वत दुनियाभर के सबसे उंचे पर्वतों में से एक हूं। मैं अपने नाम हिमालय का अर्थ बताता हूँ| मैं दो शब्दों से मिलकर बना है हिम और आलय=बर्फ़ का घर. मुझ में पूरे सालभर बर्फ़ जमी रहती है। वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण यहां पर भूस्खलन और भूकंप की आशंका बढ़ गयी है जो मुझें खतरनाक साबित हो सकती है। मुझें को गिरीराज पर्वत के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है भगवान शिव का निवास। देवों के देव महादेव का निवास हिमालय पर्वत में ही है।
परन्तु इंसान हिमालय की सुन्दरता को नुक्सान पहुंच रहा है यहां के वनों और पौधों को काटा जा रहा है बढ़ते तापमान के चलते हिमालय की बर्फ़ लगातार पिघल रही है हिमालय से निकलने वाली नदियों को गंदा किया जा रहा है हमें इसकी रक्षा के लिए भरपूर कदम उठाने चाहिए नहीं तो आप सा सुंदर प्रकृति को हमेशा के लिए खो देंगे।
मैं हिमालय बोल रहा हूं मैं देश की सुंदरता बढ़ाता हूँ|