Hindi, asked by mpbhartip38034, 1 year ago

essay on make in india in hindi

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Answered by kusum43
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नयी दिल्ली में 25 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आरंभ किया गया मेक इन इंडिया एक महत्वकांक्षी अभियान है। इस अभियान की शुरुआत का उद्देश्य भारत को वैश्विक उत्पादन केन्द्र का एक स्थान बनाना है। इस अभियान को एक सफल अभियान बनाने के लिये अलग-अलग 500 धनी कंपनियों के प्रमुख 40 सीईओ से भारत के पीएम ने मुलाकात की। इंडिया इंक के प्रमुख सीईओ, एम्बेस्डर्स, अंतरराष्ट्रीय उद्योग नेता, मंत्री, सरकारी अधिकारी आदि की मौजूदगी में इस योजना की शुरुआत की गयी। अच्छे से निर्धारित किये गये देशों के प्रमुख कंपनियों का आह्वान करने के लिये इस अभियान ने लक्ष्य बनाया है। कुछ चुनी हुई घरेलू कंपनियाँ जो नवाचार और नयी तकनीक के क्षेत्र में प्रमुख है, उनको भी आमंत्रित किया गया है। “इन्वेस्ट इंडिया” नाम से वाणिज्य मंत्रालय में एक विशेष ईकाई है जो नियामक अनापत्ति को प्राप्त करने में सहयोग करने के साथ ही नियामक और नीतिगत मुद्दे के संबंध में सभी प्रमुख विदेशी निवेशकों का मार्गदर्शन करता है।

निवेशकों पर से किसी भी प्रकार का बोझ घटाने के लिये भारतीय सरकार एक बड़ा प्रयास कर रही है। वेब पोर्टल (makeinindia.com) के द्वारा व्यापारिक कंपनियों से सभी सवालों के उत्तर देने के लिये एक तैयार समर्पित टीम का प्रबंध है। 72 घंटों के अंदर विशेष प्रश्नों के जवाब के लिये एक पश्च सिरा की टीम भी सहायता के लिये तैयार है। एक विश्व अगुआ बनने और निवेशकों के लिये कार्य करने के लिये सरकार द्वारा लगभग 25 मुख्य क्षेत्रकों (जैसे विमानन, रसायन, आईटी, ऑटोमोबाईल, टेक्सटाईल्स, बंदरगाह, दवा के क्षेत्र में, चमड़ा, मेहमानदारी, पर्यटन, स्वास्थ्य, रेलवे आदि) को पहचाना गया है।

mpbhartip38034: meaning of seeio
kusum43: seeio
kusum43: मुख्य निष्पादन अधिकारी or chief executive officer
AbhishekSahu999: hhhh
kusum43: :-)
Answered by AbhishekSahu999
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मेक इन इंडिया पर निबंध (300 शब्द)

नयी दिल्ली में 25 सितंबर 2014 को भारत में मेक इन इंडिया नाम से एक पहल की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयी। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य भारत को आर्थिक वैश्विक पहचान दिलाना है। इस कार्यक्रम के आरंभ के दौरान, पीएम ने कहा कि निवेशकों को इसे एक अवसर के रुप में देखना चाहिये ना कि भारत में बाजार के रुप में। सेवा-चालित वृद्धि मॉडल से श्रम वृद्धिकर उत्पादन चालित वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था को नया रुप देना इस अभियान का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करना भारत में 10 मिलियन लोगों से ज्यादा के लिये रोजगार का कारण बनेगा। ये एक असरदार योजना है जो यहाँ भारत में अपने व्यवसाय को लगाने के लिये प्रमुख विदेशी कंपनियों को आकर्षित करेगी।

विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिये, रक्षा उत्पादन और बीमा क्षेत्रों में बहुत बड़ा बदलाव किया गया है, हालाँकि विश्लेषकों के अनुसार इसे और असरदार तरीके से करने की जरुरत है। देश में ज्यादा रोजगार आम आदमी की क्रय शक्ति को बढ़ायेगा। भारत एक ऐसा देश है जिसके पास अलग तरह की जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और माँग है जो निवेशकों को फायदा पहुँचा सकता है।

नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता और संसाधनों की कमी के कारण, भारतीय व्यापारी भी भारत को छोड़ने और अपना व्यापार कहीं और जमाने की योजना बना रहे थे। अगर ऐसा होता तो ये और खराब अर्थव्यवस्था का कारण बनता। विभिन्न असरदार संसाधनों के साथ मेक इन इंडिया अभियान किसी भी व्यापार के लिये भारत में निवेश के लिये विश्व के प्रमुख उद्योगपतियों का ध्यान खींचेगा। दूसरे देशों से भारतीय कारोबार की अनिवार्यता से बचने के लिये पीएम मोदी ने इस आकर्षिक योजना की शुरुआत की। अपने असरदार शासन के द्वारा वृद्धि केन्द्रित रोजगार और विकास लाने के द्वारा पीएम मोदी का सपना इस देश को बेरोज़गारी मुक्त बनाने का है। युवाओं के लिये बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने के द्वारा भारत में बड़े स्तर पर गरीबी को घटाया जा सकता है जिसकी वजह से कई सामाजिक मुद्दे सुलझ सकते हैं।

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