Hindi, asked by viveknk7980, 1 year ago

Essay on mazhab nhi sikhata aapas me bair rakhna hindi

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Answered by Khushu277
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उपर्युक्त सूक्ति प्रसिद्ध शायर इकबाल की है। उन्होंने उपनी एक देश प्रेम की कविता में लिखा है- ‘‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम , वतन है हिन्दोस्तां हमारा।’’ इन शब्दों में ऐसा जादू था कि प्रत्येक मजहब के लोग स्वयं को भातरीय मानते हुए भारत को स्वतंत्र कराने के कार्य में जुट गए।

भारत एक विशाल देश है। इसमें अनेक धर्मानुयायी, विभिन्न जातियाँ, विभिन्न भाषा-भाषी लोग रहते हैं। वेशभूषा, खान पान, बोलचाल की दृष्टि से विभिन्नता लक्षित होती है, किन्तु इस अनेकता के पीछे एकता की भावना निहित रहती है। यह यहाँ की सामाजिक संस्कृति की विशेषता रही है। एकता की इस अनुभूति ने हमें सामाजिक, राजनैतिक जीवन के निर्माण में मदद की है। भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी ने भ्रातृ-भाव पर बल दिया है।

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Answered by Iya330714
0

Answer:

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