essay on muskil hai bigyapan ke prabhav se bachna
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प्रस्तावना- विज्ञापन को व्यापार की आत्मा एवं आघारशिला कहा जाता हैं। विज्ञापन द्वारा उत्पादक एवं उपभोक्ताओं के मघ्य सम्बध स्थापित किया जाता हैं। विज्ञापन द्वारा किसी वस्तु की मांग बढ़ती हैं एवं रहन-सहन के स्तर अनुकूल प्रभाव पड़ता हैं।
व्यापार में सहायक – व्यापार में विज्ञापन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। विज्ञापन के द्वारा आम जनता को यह पता चलता है कि कौन-सी वस्तु बाजार में नई आयी है।
Explanation:
परन्तु कुच्छ लोग विज्ञापन को अत्यधिक उपयोगी नहीं समझते । उनके अनुसार जो वस्तु अच्छी होती है, वह बिना विज्ञापन के ही अच्छे गुणों के कारण जनता में प्रचलित हो जाती है। उनकी विज्ञापन के प्रति इस प्रकार की धारणाएं गलत हैं, क्योंकि आधुनिक युग में विज्ञापन मानव जीवन के लिए अनिवार्य हो चुका है।
विज्ञापन के लाभ
विज्ञापन के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-
1 उत्पादक तथा उपभोक्ता में सम्पर्क का साधन – विज्ञापन द्वारा ही विभिन्न वस्तुओं के उत्पादक उपभोक्ताओं से सम्पर्क स्थापित करते हैं तथा उपभोक्ता सुविधानुसार अपनी आवश्यकताओं की वस्तुएं क्रय करते हैं। व्यापार एवं व्यवसाय में सहायक- विज्ञापन द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने व्यापार एवं व्यवसाय में उन्नति कर सकता है। विज्ञापन द्वारा व्यापार में निरन्तर वृद्वि हो रही है एवं साथ-ही-साथ जीवन-स्तर भी निरन्तर ऊंचा उठ रहा है।
3 व्यापार-वृद्वि में सहायक- विज्ञापन द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने व्यापार एवं व्यवसाय में उन्नति कर सकता है।विज्ञापन द्वारा व्यापार में निरन्तर वृद्वि हो रही है एवं साथ-ही-साथ जीवन-स्तर भी निरन्तर ऊंचा उठ रहा है।
रेडियो, चलचित्र और दूरदर्शन के महत्व में वृद्वि- विज्ञापन द्वारा रेडियो, चलचित्र और दूरदर्शन हमारी दैनिक आवश्यकताओं के महत्वपूर्ण साधन बन गए हैं। विज्ञापन के माध्यम से अच्छी वस्तुएं आज हमारी पहुंच के अन्दर हो रही हैं।
विज्ञापन सम्बन्धी हानियां
इस प्रकार जहां एक ओर हमें विज्ञापनों द्वारा बहुत-से लाभ होते हैं वहीं दूसरी ओर इनसे हमें हानि भी होती हैं। विज्ञापनों में सच्चाई की कमी होती है जिसके अभाव में विज्ञापन कभी-कभी जनसाधरण एवं देश की उन्नति में बाधा उत्पन्न करते हैं। इनके द्वारा जो वस्तुएं प्रदर्शित की जाती हैं। उनकी गुणवत्ता अथवा विश्वसनीयता के सम्बन्ध में हमारे मन में प्रायः शंका उत्पन होती है। लाॅटरी एवं चिटफण्ड के द्वारा अबोध जनता एवं बालकों में लालच की भावना उत्पन होती हैं।
इस प्रकार विज्ञापन हमारे लिए लाभदायक भी हैं तथा हानिकारक भी हैं। अतः इसके लिए यह आवश्यक है विज्ञापनों का प्रकाशन मानव हित का ध्यान रखकर ही किया जाना चाहिए।