Hindi, asked by NataMall184, 1 year ago

Essay on myself in Hindi

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Answered by prakriti27
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u can only write about yourself please do it by yourself.
Answered by Anonymous
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मेरा नाम कुनाल है और मैं दंसवी कक्षा का छात्र हूँ। मैं असंध में रहता हूँ और वबाँ संत जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ता हूँ। मेरे पिता का नाम जय पाल और माता की नाम रूपवती है और हम चार भाई बहन है। मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हूँ। मेरे चाचा चाची और दादा दादी भी हमारे साथ ही रहते है और सब मुझसे बहुत प्यार करते हैं। मैं रोज सुबह 5 बजे उठकर सैर के लिए जाता हूँ और आकर स्कूल के लिए तैयार होती हूँ। मैं रोजाना युनिफॉर्म पहन कर स्कूल जाता हूँ और मैं रोज का कार्य रोज ही करता हूँ क्योंकि मुझे सभी कार्य समय पर करने की आदत है। मैं समयनिष्ठ और अनुशासनप्रिय हूँ जिस वजह से मैं स्कूल में भी सभी अध्यापकों का प्रिय हूँ। मैं पढ़ाई लिखाई में भी अच्छा हूँ साथ ही खेल कूद में भी दिलचस्पी रखता हूँ और क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना अच्छा लगता है और मैं हर बार नाच गाने और लघु नाटक में भाग लेता हूँ। मुझे साईकिल चलाना बहुत पसंद है इसलिए मैं घर से दो किलोमीटर मेरे स्कूल तक साईकिल पर जाता हूँ। शाम को भी मैं अपने दोस्तों के साथ नहर तक साईकिल पर घुमने जाता हूँ।

मुझे घर वालों के साथ समय व्यतीत करना अच्था लगता है इसलिए हम सब खाना हमेशा एक साथ बैठकर खाते हैं। मैं अपने अध्यापकों का भी पूर्ण सम्मान करता हूँ और हमेशा उनके निर्देश का पालन करता हूँ। मेरे बहुत से दोस्त है पर मेरा सबसे अच्छा दोस्त विशाल है जौ कि हर मुसीबत में मेरी सहायता करता है। मुझे कविता लिखना और पुस्तक पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और साथ ही लोगों की सहायता करना भी अच्छा लगता है। मैं घायल पक्षियों और पशुओं की भी मरहम पट्टी भी करता है।

मैं पढ़ाई हमेशा समय पर करता हूँ और मेरा पसंदीदा विषय गणित है जिसे मैं दिन में 12 घंटे कर सकता हूँ। मुझे पिकनिक पर जाना बहुत अच्छा लगता है और मैं हर साल स्कूल की तरफ से पिकनिक पर जाता हूँ। मुझे शाम के समय थोड़ी देर शांति में बैठना पसंद गै और पक्षियों की चहचाहट सुनना पसंद है। मैं हर साल अपने जन्मदिन पर पौधे भी लगाता हूँ ताकि वातावरण को सुरक्षित रखने में थोड़ा सा सगयोग दे सकूँ। मैं हमेशा इस कोशिश में ही रहता हूण कि अपने व्यक्तित्व को निखार तर अपने चरित्र को गुणवान बना सकूँ।

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