essay on navBharat Nirman in Hindi
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स्वचता मानव समुदाय का आवशयक गुण है . यह विभिन् प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है. यह सुखी जीवन की अधारशिला है. इसमैं मनव की गरिमा , शालीनता ओर आसिकता के दर्शन होते है. घर की सफाई में घर के सदसियों की भूमिका होती है तो बाहर की सफाई में समाज की. घर के आस पास के वातावरण को प्रदूषित ना होने दे. इसलिये समाज के सभी सदस्यों को आस पाडोश की स्फाई में अपना अपना योगदान देना चाहिये.
स्वचता मानव समुदाय का आवशयक गुण है . यह विभिन् प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है. यह सुखी जीवन की अधारशिला है. इसमैं मनव की गरिमा , शालीनता ओर आसिकता के दर्शन होते है. घर की सफाई में घर के सदसियों की भूमिका होती है तो बाहर की सफाई में समाज की. घर के आस पास के वातावरण को प्रदूषित ना होने दे. इसलिये समाज के सभी सदस्यों को आस पाडोश की स्फाई में अपना अपना योगदान देना चाहिये.
स्वचता मानव समुदाय का आवशयक गुण है . यह विभिन् प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है. यह सुखी जीवन की अधारशिला है. इसमैं मनव की गरिमा , शालीनता ओर आसिकता के दर्शन होते है. घर की सफाई में घर के सदसियों की भूमिका होती है तो बाहर की सफाई में समाज की. घर के आस पास के वातावरण को प्रदूषित ना होने दे. इसलिये समाज के सभी सदस्यों को आस पाडोश की स्फाई में अपना अपना योगदान देना चाहिये. आत्मिक विकास के लिये निवास स्थान के वातावरण का सॉफ होना चाहिये . रास्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी स्वच्छ्ता पर बहुत जोर देते थे . परंतु आधुनिक सभयता ओर हानिकारक उद्योगों के फेलाव के कारण् पूरे देश में परदूषण का संकट खड़ा हो ग्या है. अतः स्वच्छ्ता में बादक प्रदार्थों को पहचान कर उनके प्रसार पर रोक लगानी चहिये.ओर स्वच्छ्ता अभियान पर अपना अपना योगदान देना चाहिये.
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