essay on outdoor
games in hindi language
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आज के समय में मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी, इंटरनेट के कारण बच्चे आउटडोर गेम्स से दूर होते जा रहे हैं। ये समस्या महानगरों में रहने वाले बच्चों के साथ अधिक दिखाई पड़ रही है।
बच्चों के बाहर न खेलने के कारण स्कूल, होमवर्क और ट्यूशन का बर्डन भी शामिल है।
आउटडोर गेम्स में पकड़म-पकड़ाई, छुपम-छुपाई, खो-खो, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी, गुल्ली डंडा, पिटठू, टेबल टेनिस, फुटबॉल, बॉस्केटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी इत्यादि है। इन गेम्स, को खेलने से बच्चे हेल्थी , फिट और चुस्त-दुरूस्त रहते हैं।
जरूरी नहीं कि बच्चों को आउटडोर गेम्स के लिए कहीं दूर भेजा जाए बल्कि पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ भी इन गेम्स को खेल सकते हैं और ये गेम्स घर के आसपास भी खेले जा सकते हैं।
घर के आसपास खेलने से बच्चा आपका सुरक्षित भी रहेगा और पेरेंट्स अपने बच्चे का ध्यान भी रख सकते हैं।
ऐसा नहीं कि आप आउटडोर गेम्स के कारण इंडोर गेम्स को गुडबाय बोल दें, बल्कि जिस दिन आप आउटडोर गेम्स के लिए नहीं जा पा रहे तो आप इंडोर गेम्स जैसे- सांप सीडी, लूडो, कैरम, वीडियोगेम, पजल्स गेम्स भी खेल सकते हो और अपने दोस्तों को भी
घर पर बुला सकते हो, इससे आपके पेरेंट्स आपके दोस्तों को भी जान जाएंगे और आपके दिमाग को दुरूस्त करने के लिए भी ये गेम्स अच्छे है।
आउटडोर गेम्स के जरिए आप अपने दोस्तों से रोज मिल सकते हैं और कुछ नई बातें आपको सीखने को मिलेगी। आपमें शेयरिंग और खेल स्पिरिट बढ़ेगी।
आउटडोर गेम्स से बच्चों का आत्ममविश्व स बढ़ता है।
आउटडोर गेम्स के जरिए आप घर के सदस्यों के अलावा बाहर के लोगों, बाहर की दुनिया से भी रूबरू होते हो।
आउटडोर गेम्स फिट रखने में तो मददगार है ही साथ ही ये आपको बीमारियों से भी बचाते हैं।
आउटडोर गेम्स के जरिए आप ये पहचान पाएंगे कि आपकी किस खेल में अधिक रूचि है और आप किसमें कितना एक्सकपर्ट हो, साथ ही आप और बच्चों से अपने आपको कितना अलग महसूस करते हो।
आउटडोर गेम्स जैसे कबड्डी, खो-खो, छुपन-छुपाई और अकड़म-पकड़म हमारे पुराने खेल हैं। इनमें कुछ खर्च नहीं करना पड़ता और खूब मजा भी आता है। इसके अलावा क्रिकेट, टैनिस, फुटबॉल, बैडमिंटन तथा हॉकी आदि को खेल कर आप स्वस्थ और मजबूत बन सकते हैं। साथ ही आप इनमें से किसी खेल जिसमें भी आप अच्छे हों, को करियर के तौर पर भी चुन सकते हैं।
आउटडोर गेम्स से हमें कई नए दोस्त ब नाने को मिलते हैं, जो हमारे घर के आसपास रहते हैं और हम मिल नहीं पाते। बाहर निकलकर खेलने से और लोगों से मिलते जुलते रहने से आसपास की तमाम दूसरी चीजों के बारे में सीखने को मिलता है और आप ज्यादा सामाजिक बनते हैं। आउटडोर गेम्स से शरीर चुस्त रहता है और भूख भी ज्यादा लगती है।
घर से बाहर खेलने वाले खेलों को आउटडोर या मैदान में खेले जाने वाले खेल कहा जाता है, जैसे बैट-बॉल, खो-खो, बैडमिंटन इत्यादिI इन खेलो को खेलने के लिए कुछ खेल उपकरणों की जरूरत पड़ती हैं जैसे क्रिकेट के लिए गेंद बल्ले की बैडमिंटन के लिए बल्ले और चिड़िया की I कुछ खिलाडी इन खेलो को ही अपना व्यवसाय बना लेते हैं और कठोर परिश्रम कर के टूर्नामेंट को जीत कर धनराशि और अन्य उपहार प्राप्त करते हैं I खेलों से लोगों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है I