Hindi, asked by sukdeep, 9 months ago

essay on प्रिय नेता पर निबद लिखए​

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Answered by divi2678
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Explanation:

मेरे प्रिय नेता पर निबंध

एक सफल नेता होने के लिये अनेक गुणों का होना आवश्यक हैं जिसमें प्रमुख गुण हैं कि वो नेता एक कुशल वक्ता हो। देश की जनता की जनता की भाषा में संवाद में करता हो। उसकी ईमानदार छवि हो। वो समाज के सभी वर्गों द्वारा स्वीकार्य हो।

इस सारे गुणों की कसौटी पर बहुत सारे नेता उतरते हैं। पर मेरे सबसे प्रिय नेता भारत के पूर्वप्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई हैं।

भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी सर्वजन स्वीकार्य नेता थे, जिन्हे उनकी पार्टी के लोग ही नही बल्कि उनकी विरोधी पार्टी के लोग भी सम्मान देते थे।

अटल बिहारी वाजपेई एक उदार विचारों वाले, निडर, सरल राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। वह एक ओजस्वी वक्ता थे। उनकी भाषा पर अच्छी पकड़ थी और वह एक कवि भी थे। अनेक कविताओं के द्वारा उन्होंने अपनी संवेदनाओं को व्यक्त किया है।

श्री वाजपेई देश के सफल प्रधानमंत्रियों मे से एक हैं और पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने सफलता पूर्वक पांच साल सरकार चलाई।

श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था । इनके पिता पण्डित कृष्णबिहारी वाजपेयी स्कूल शिक्षक थे और इनरे दादा पण्डित श्यामलाल वाजपेयी संस्कृत के जाने-माने विद्वान् थे । श्री वाजपेयी की आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा भिंड तथा ग्वालियर में हुई थी। उन्होंने राजनीति शास्त्र में एम.ए. किया और कानून की पढ़ाई करने लगे। फिर वो कानून की पढ़ाई अधूरी छोड़कर राजनीति में मैदान में कूद पड़े।

श्री वाजपेई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी रहे हैं। वो 1977 में जनता पार्टी के शासन काल में भारत के विदेश मंत्री रहे। 1980 मेंं उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। 1996 में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने। फिर वो 1998 और 1999 में भारत के प्रधानमंत्री बने। वो कुल तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। वो आठ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सांसद रहे। प्रधानमन्त्री के रूप में उनकी छवि ईमानदार नेता की रही है।

श्री अटल बिहारी वाजपेयी का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। राष्ट्रसेवा के लिए इन्होंने गृहस्थ जीवन का भी परित्याग किया और जीवन भर अविवाहित रहे। उनके द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में दिये भाषण ने हिंदी भाषा के मान को विश्व में बढ़ाया।

श्री वाजपेई को 1992 में भारत द्वितीय सर्वोच्च सम्मान ”पद्मविभूषण” तथा 2015 में भारत के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया।

श्री वाजपेई अपनी उदारवादी छवि, राष्ट्रवादी विचार और कुशल नेतृत्व के कारण सदैव मेरे प्रिय नेता बने रहेंगे।

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