Essay on पर्वो का बदलता स्वरूप in Hindi
Answers
Answered by
3
पर्व अपने में आस्था विश्वास पवित्रता जैसे शब्दों के आसार को समेटे हुए है ।आज हम जिसे पर्व कहकर मनाते हैं वो बस एक जरिया है ,खुश होने का ।पर्व ने ही नहीं बल्कि पूरे मनुष्य जाति ने अपना अस्तित्व खो दिया है ।आज पर्व में नियमों को तरजीह मिले या ना पर अश्लीलता का जोर,बस इतना ही नहीं बल्कि प्रसाद की जगह wine लोगों का शौक है ।यही है पर्व का बदलता स्वरूप ।।।
Similar questions
Math,
6 months ago
Environmental Sciences,
6 months ago
History,
1 year ago
Social Sciences,
1 year ago
Science,
1 year ago