Hindi, asked by RichyKing7172, 1 year ago

Essay on poshak aur vyktitva in Hindi





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Answered by niharika9585
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Explanation:

हमारी सफलता में एक सशक्त व्यक्तित्व का बड़ा योगदान होता है। सवाल यह है कि व्यक्तित्व कैसा हो कि दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव डाले। व्यक्तित्व का एक बड़ा हिस्सा आपका पहनावा, वेशभूषा और हाव भाव हैं। किसी अनौपचारिक समारोह या पार्टी में आप 3-पीस सूट पहन कर जायेंगे तो नमूने लगेंगे और नमूने के साथ कोई भी सहज महसूस नहीं करेगा। इसी प्रकार किसी आधिकारिक मीटिंग में रंग-बिरंगी टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर जायेंगे तो भी नमूने लगेंगे।

आप कहेंगे कि इतना तो सभी को ध्यान रहता है। बात काफी हद तक सही भी है। असल जिंदगी में ऐसे नाटकीय उदहारण कम ही मिलते हैं कि आफिस की मीटिंग में कोई लाल पीली कमीज में आए, लेकिन ऐसे उदाहरण जरूर मिलते हैं, जहां मौके की मांग और वेशभूषा के चयन में अच्छा खासा गैप रहता है। मई-जून की भयानक गर्मी में भी इंटरव्यू के लिए टाई लगाये, पसीने में तर-बतर लोग आपको मिल जायेंगे। सही वेशभूषा क्या है, इसका कोई परम सत्य जैसा उत्तर नहीं हो सकता। किस उद्देश्य से जा रहे हैं, किससे मिलने जा रहे हैं, सन्दर्भ क्या है इत्यादि ऐसे अनेक कारक हैं, जो यह तय करते हैं कि अमुक ड्रेस ठीक है या नहीं। अब सवाल यह कि कैसे पता लगे कि सही ड्रेस क्या है। कल्पना करने की कोशिश करें कि जहां आप जा रहे हैं, वहां लोगों की वेशभूषा क्या होगी। जिससे मिलने जा रहे हैं, वह कैसी ड्रेस में होगा। यदि वह व्यक्ति पदवी में बड़ा है तो आपकी वेशभूषा उसके बराबर या उससे अधिक फॉर्मल होनी चाहिए। यदि आप पदवी में छोटे लोगों से मिलने जा रहे हैं, तब आप थोड़ा सा कैजुअल भी हो सकते हैं। दूसरी बड़ी जरूरी चीज यह है कि कपड़े साफ हों, भली-भांति प्रेस किये हुए हों। बहुत ढीले या बहुत कसे कपड़ों में आप एक सफल, सकारात्मक और दमदार व्यक्ति नहीं लगेंगे।

एक और बात जो शायद सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, वह यह कि आत्मविश्वास के साथ लोगों से मिलें। चुप-चाप और गुम-सुम रहने वाले को कोई पसंद नहीं करता। सबके जीवन में अपनी-अपनी समस्याएं होती हैं। यदि किसी और से मिल कर कुछ सकारात्मक ऊर्जा मिलती है तब तो ठीक है, पर यदि कोई दुनिया से नाराज, कोने में मुंह लटकाए खड़ा है तो उसके विचारों की गहरायी जानने के लिए किसी के पास न तो समय है और न ही इच्छा।

आखिर में, वेशभूषा के बारे में कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखें और फिर ज्यादा न सोचें। कपड़ों का महत्त्व बहुत है, पर एक सीमा से अधिक नहीं। जो कुछ भी पहना हो, अपनी ऊर्जा, अपने आत्मविश्वास और अपने चार्म को हमेशा अपने साथ रखें।

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