ESSAY ON PRIYA VYAKTI IN HINDI FOR CLASS 4
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❤ मेरे प्रिय व्यक्ति ❤
प्रिय व्यक्ति वह होता है जो हमारे जीवन में बहुत ही खास होता है। मेरे जीवन में मेरे प्रिय/पसंदीदा व्यक्ति मेरे हिंदी विषय के शिक्षक/टीचर है। मेरे माता-पिता के अलावा एक वही थे जिन्होंने मुझे उन सारे गुणों से परिचित कराया जो एक अच्छे इंसान में होने चाहिए। इसीलिए मैं अपने जीवन में उन्हें एक महत्वपूर्ण और प्रिय व्यक्ति मानता हूं।
हिंदी साहित्य के एक महान कवि कवि कबीर दास ने कहा है कि-“गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु देव आपकी गोविंद दियो मिलाय”। इन पंक्तियों में गुरु की महानता को कवि ने प्रस्तुत किया है और बताया है कि परमात्मा से भी बढ़कर गुरु का स्थान होता है। गुरु ही अज्ञानता से हमें ज्ञान की ओर ले जाते हैं हमारा पथ प्रदर्शन करते हैं।
मेरे प्रिय व्यक्ति जो कि मेरे गुरुजी हैं, उनका नाम, श्रीमान अभय शुक्ला साहब है। उनके प्रमुख और अच्छे गुणों ने मुझे बहुत प्रभावित किया है और इसी कारण मैं उनका कायल हूं। अभय शुक्ला साहब बहुत ही मधुर भाषी है। वे मुझे तथा अपने शिष्यों को बड़े ही प्रेम के साथ हिंदी विषय पढ़ाते हैं और यदि किसी शिष्य को कुछ समझ ना आए तो वह प्रेम पूर्वक उसे बार-बार समझाने का प्रयास भी करते हैं। मैं कभी भी किसी पर क्रोधित नहीं होते। उनका यह गुण मुझे भा गया।
मेरे प्रिय व्यक्ति अभय जी हमेशा अपने विद्यार्थियों तथा मेरी मदद करते हैं और उन्हें जितना हो सके उतना सहयोग भी प्रदान करते हैं। वह गरीब विद्यार्थियों को निशुल्क (बिना पैसे लिए) पढ़ाते भी हैं। उनके जीवन का उद्देश्य है सबको शिक्षा की प्राप्ति हो। उनकी शिक्षा के प्रति चाहत देखकर मेरा कंठ भर आया।
वह हिंदी विषय के विशेषज्ञ हैं तो मैं हमेशा से ही उनसे अपने हिंदी के प्रश्न पूछ लिया करता था क्योंकि वह मेरे घर के पास ही रहते थे। उन्होंने हमेशा मेरी मदद की है। बुरी से बुरी परिस्थितियों में मेरा साथ दिया है। मेरी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। दूसरे हिंदी विषय के अध्यापक भी कभी-कभी अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आते हैं और वह भी उसी क्षण में उनकी समस्याओं का समाधान कर देते हैं।
मैं तो ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा कि मेरे प्रिय व्यक्ति को दीर्घायु जीवन मिले और वह हमेशा गरीबों की मदद करते रहे तथा इस शिक्षा के दीपक को निरंतर प्रज्वलित रखें।
Explanation:
hope it will help you. ...?.
