Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Essay on सरस्वती पूजा | Sarswati Puja | Mother Swarswati’s Worship

Answers

Answered by duragpalsingh
5

भारतवर्ष में शक्ति पूजा का विशिष्ट महत्व है| दीपावली पर लक्ष्मी माता, नवरात्रि में माँ दुर्गा की और माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वतीजी की आराधना की जाती है| साधक वैसा ही बनता है जैसा उसका इष्ट होता है अत: विद्या के उपासकों के लिए बसंत पंचमी विशेष महत्व रखता है| वसंत को ऋतुराज की संज्ञा दी गई है| प्रकृति के अद्भुत श्रृंगार की छटा दर्शनीय होती है| पीत  पुष्पों से प्रकृति श्रृंगार करती है| इस दिन सरस्वती माता की आराधना पीत पुष्पों, पीत  चन्दन और पीत नैवेद्य से की जाती है| ये वीणावादिनी देवी हंस पर सवारी करती है| हंस नीर-क्षीर का भेद-विभेद करना जानता है अत: बुद्धिमान पक्षियों में अग्रगण्य है|



वहीँ इसका श्वेत वर्ण और सरस्वती जी के श्वेत वसन सात्विकता के प्रतीक है| सरस्वतीजी को उत्तम कोटि की संगीतग्य माना  गया है| अत: कलाप्रेमी अपनी प्रस्तुति से पहले उन्हें ही नमन करते है| किसी भी विद्यालय का प्रत्येक उत्सव सरस्वती वंदना व दीप प्रज्वलन से ही प्रारम्भ होता है| सरस्वती जी पद्मासन में बैठी है अत: स्पष्ट है कि वे अत्यंत अनुशासनप्रिय है| विद्यार्थियों से अनुशासन अपेक्षित होता है| सरस्वती आराधना से बुद्धि की जड़ता दूर होती है| एक शिक्षक का पुत्र होने के नाते ये मेरा सौभाग्य है कि मेरे घर पर सरस्वती पूजा स्नेह व भक्तिपूर्वक की जाती है| विधिवत् पूजनोपरांत हम सस्वर श्लोक वाचन द्वारा देवी को नमन करते है| इस दिन हमें स्कूल में पीले वस्त्र पहनकर जाने की अनुशंसा होती है| विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की कविताओं, भाषण द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन करते है| इस समय फसलें लहलहा उठती है| खेतों में सरसों की बालियाँ लहराकर बसंत का स्वागत करती है| हम सभी विद्यार्थी सरस्वती जी की आराधना करके आगामी परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाते है|       जब कोई व्यक्ति कोई सुरीला गीत गाता हैं,  तो कहा जाता है कि  माँ सरस्वती कंठ में विराजमान है  अथवा माँ सरस्वती की कृपा हैं |        

Similar questions