Hindi, asked by riteshmehta, 11 months ago

essay on Satya अहिंसा Ka mahatva​

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Answered by MinsDey
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महात्मा गांधी द्वारा रचित निबंध का सारांशगाँधी जी के विचारों पर उत्तर राष्ट्रपिता के रूप में ख्यातिलब्ध मोहनदास करमचंद गाँधी राजनीति के साथ - साथ साहित्य के क्षेत्र में भी निष्णात माने जाते हैं । देश और काल की सीमा को लाँघते हुए उनका व्यक्तित्व सार्वदेशिक और सार्वकालिक गया । वे विश्व की महान् विभूति के रूप में सम्मानित होते रहे । समस्त विश्व को सत्य , अहिंसा , अपरिग्रह आदि का पाठ उन्होंने पढ़ाया ।परिचय महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर , 1869 में गुजरात राज्य के पोरबन्दर नामक स्थान में हुआ । उनकी आरम्भिक शिक्षा गृह क्षेत्र में हुई , परन्तु बैरिस्ट्री की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये वे विलायत गये । स्वदेश लौटकर उन्होंने वकालत शुरू की , परन्तु सत्यनिष्ठ और राष्ट्रभक्त होने के नाते वे राष्ट्रीय आन्दोलन में कूद पड़े ।

गांधी जी के अनुसार सत्य क्या है ?

सत्य बोलना ही सत्य नहीं है वाणी में , विचार में और व्यवहार में भी सत्य होना असली सत्य है , वह जानने वाले को और कुछ जानना शेष नहीं रहता । यदि हम यह कसौटी मान लें तो हमें यह जानने में देर नहीं लगेगी कि कौन - सी प्रवृत्ति ठीक है और कौन - सी गलत

क्या सत्य ही आराध्य है ?

इसी के लिए हमारा जीवन है , हमारी क्रियाएँ हैं । हमारी साँसें हैं । यदि हम सत्य के लिए जीना सीख जाएँ तो शेष सभी नियमों का पालन सरल हो जाता है ।

अहिंसा क्या है?

किसी को न मारना ही अहिंसा है । अपितु अहिंसा का स्थूल रूप है । सुविचार , उतावली करना , झूठ बोलना , द्वेष करना , किसी का बुरा चाहना , संसार की आवश्यक वस्तुओं पर अपना कब्जा जमाना भी हिंसा है । तब प्रश्न है कि हम आत्महत्या कर लें ? नहीं । यदि विचार में इस देह का साथ छोड़ दें तो देह हमें छोड़ देगी । यह मोहरहित जीवन ही सच्चा सत्य है । देह को हम धरोहर मानकर उसका उपयोग करें ।

गाँधी जी एक कुशल अध्येयता , विचारक और साहित्य प्रेमी थे । उनकी स्त्री शिक्षा ' , ' हरिजन ' , ‘ सत्य के साथ मेरे प्रयोग ' जैसी अनेक रचनाएँ लोकप्रिय हुई । सादगी ' , ' स्वावलम्बन ' आदि पर आधारित अनेक प्रेरणास्पद निबन्ध लिखकर उन्होंने पाठक समुदाय को जाग्रत किया है ।

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