Hindi, asked by rehns, 1 year ago

Essay on swach bharat swasth bharat in hindi

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Answered by kvnmurty
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      2 अक्टोबर 2014 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का  आरंभ किया।   इस का मुख्य उद्देश्य है सब सड़कों को, सार्वजनिक जगहों से  कूड़ा निकलकर साफ करना, लोगोंको सफाई की तरीकें सिखाना।  और सब लोगों के लिए पीने के लिए शुद्ध और स्वच्छ  पानी का इंतजाम करना ।  लोगों के घरों में , सरकारी विद्यालयों में और सार्वजनिक जगहों में स्वच्छता  शौचालय के निर्माण करना  ।  शहरों  और  गाओन में  यह इंतजाम करना है ।   और भी स्वच्छता के  कुछ योजनाएँ शुरू किए गए।  

      हर गाँव में और शहर में  म्यून्सीपालिटी के स्वच्छता का काम जो होते हैं हर दिन, उनको ठीक करवाना। उनके इंतजाम जहां पर अभी तक नहीं हैं, वहाँ पर नए प्रबंधन करना ।  इसके लिए बहुत सारे नए  कूदे के डिब्बे नए नए खरीदे गए और जगह जगह रखे गए।  जब हम लोग  कूड़ा इधर उधर नहीं फेंकेंगे,  स्थगित पानी को रहने नहीं देंगे, तब मच्छर और वैरस नहीं  पैदा होंगे और नहीं  फैलेंगे ।  तो लोगोन को   बुखार नहीं होगा । 

      पीने के पानी जो सब घरों में आता है और  जो पानी तालाबों और छोटे नलोंमें बहता है, वो शुद्ध नहीं होता। लोग गंदा करते हैं।  इसलिए  पानी को साफ करके लोगों तक पहुंचाना है।   और बहुत छोटे गाओन में लोगों के घरों में शौचालय नहीं हैं।   क्योकि वे गरीब हैं।  नहीं बनवा सकते  हैं।  तो सरकार  लाखों  शौचालय बनाने का काम लिया है।   इस से किटानों, वैरस , मक्खी  नहीं फैलेंगी।   बच्चे और बूढ़े  तंदुरुस्त रहेंगे। 

     महात्मा गाँधी का  यह एक सपना था  कि सब  भारतवासी स्वच्छता और शुद्धता  के बारे में जानीं, सीखें और अमल करें। और यह अभियान गांधीजी के सपने को साकार रूप देता है ।  यह अभियान पाँच सालों तक चलेगा ।  हर साल हजारों करोड़ों रुपये  अभियान के लिए खर्च करे जाएंगे । 

     नदी गंगा उत्तर भारत में बहुत आबादी के लिए  पीने का पानी देता है।  इस में लोग बहुत गंदगी डालते हैं।  कुछ औद्योगिक संस्थाएं  हानिकारक रसायन भी मिलाते हैं।  लोग नहाते हैं नदी में और उसका पानी पीते है और  रसोई में इस्तेमाल भी करते हैं।  गंगा नदी का पानी प्रदूषित हो गया है।  इस कारण से बहुत लोग  बीमार पड  रहे हैं।  उनके तबीयत खराब होता है और उन्हें  दवाइयाँ , इलाज, और डॉक्टर के फीस वगैरा भरने में तकलीफ होती है।  बीमारियों से ठीक होने में भी वक्त लगता है।  बहुत पैसे खर्च होते हैं।  प्रदूषण से जो जल के अंदर के जानवर बीमार होते हैं।  उनको खाने से लोगों को बीमारियाँ हो सकते हैं।

         सरकारी और यूएनओ. के गणना से पता चलता है कि लाखों लोग  प्रदूषण संबंधी रोगों से हर साल भारत देश में मर जाते हैं।  स्वच्छता के मामले में हमें ध्यान रकना चाहिए।  जब स्वच्छ पर्यावरण सब लोगों के पास होगा, जब सब लोग अपने पर्यावरण को गंदा नहीं करेंगे, तब बीमार नहीं पड़ेंगे तो  तंदुरुस्त और स्वस्थ रहेंगे ।  इसीलिए हम कहते हैं  की स्वच्छ भारत   स्वस्थ भारत।


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