Essay on trees our friends
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वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। बिना वृक्षों के हम जी नहीं सकते । हम वृक्षों को थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा
पानी देते हैं। और वे हमें ज़िंदगी के साथ साथ और बहुत कुछ देते हैं ।
वृक्षों से हमें बहुत लाभ होते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। वृक्ष हमें धूप में छाया (परछाई) मिलती है। बहुत लोग गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठते हैं और सुख पाते हैं ।
पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण ठंडक पहुँचाते है।
अगर पेड़ नहीं होते तो हम सोफा में नहीं बैठे होते, पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना।
हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं। अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है।
हर दिन हम तो आपिल , नारिंज , केला, अमरूद, कजूर, और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान ने पेड़ों के जरिये हमें दिया।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ , उन की सुरक्षा करें, और खुश रहें।
वृक्षों से हमें बहुत लाभ होते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। वृक्ष हमें धूप में छाया (परछाई) मिलती है। बहुत लोग गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठते हैं और सुख पाते हैं ।
पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण ठंडक पहुँचाते है।
अगर पेड़ नहीं होते तो हम सोफा में नहीं बैठे होते, पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना।
हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं। अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है।
हर दिन हम तो आपिल , नारिंज , केला, अमरूद, कजूर, और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान ने पेड़ों के जरिये हमें दिया।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ , उन की सुरक्षा करें, और खुश रहें।
kvnmurty:
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वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्मग्रंथों में इन्हें देवताओंकी संज्ञा दी गई है। पेड़ों की पूजा तो हम सदियों से करते आ रहे हैं। यह हमारा पालन-पोषण करते हैं। यह हमारे जीवन का आवश्यक अंग है। वृक्ष के बिना हम भी अधिकसमय तक अपने अस्तित्व को जिंदा नहीं रख सकते। यह हमारे लिए बहुपयोगी हैं। परन्तु हम यह सब जानते हुए भी अपने स्वार्थों के लिए इनकी अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। अपने घरों, खेतों और वस्तुओं के निर्माण संबंधी आवश्यकताओं के लिए हम इनकी बलि चढ़ा रहे हैं। जितनी तेज़ी से हम इनकी कटाई कर रहे हैं, उतनी तेज़ीसे ही हम अपनी जड़ें भी काट रहे हैं। वृक्षों के कटाव के कारण आज भंयकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। वायुमण्डल में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। यह प्रदूषण मनुष्य के लिए हानिकारक हो गया है। इस प्रदूषण के कारण वायुमण्डल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ध्रूवों में स्थित बर्फ भी इसी कारण लगातार पिघल रही है। यह बर्फ जहाँ हमारी पीने की आवश्यकता को पूरा करती हैं। वहींयदि यह पिघल जाए, तो समुद्रतल को बढ़ा सकती है, जिससे प्रलय की स्थिति बन सकती है। वृक्ष की जड़े गहराई तक जाकर मृदा को बाँधे रखती है, जिससे बरसात में मिट्टी बह नहीं पाती है। इन सब समस्याओं को देखते हुए वृक्षों की उपयोगिता पर हमारा ध्यान केंद्रित होता है। हमें चाहिए किअधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ और अपनी पृथ्वी को बचाएँ।
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