Essay on विद्यालय का वार्षिकोत्सव | vidhalaya ka Variskotsav | School’s Annual Function
Answers
प्रत्येक विद्यालय प्रतिवर्ष अपना वार्षिकोत्सव मनाता है| वर्ष भर की गतिविधियों में अग्रणी रहे विद्यार्थियों को इस दिन पुरस्कृत किया जाता है| सभी विद्यार्थियों में इस उत्सव के लिए खासा उत्साह रहता है| प्रत्येक विद्यार्थी अपनी रूचि के क्षेत्र में कुछ विशिष्ट अवश्य करता है और उसके उत्साहवर्धन के लिए ये उत्सव आयोजित किया जाता है जैसे अध्ययन के अलावा किसी को खेल-कूद में रूचि है, तो किसी को सांस्कृतिक या साहित्यिक गतिविधियों में, वहीं पर कोई विद्यार्थी अनुशासन रखने में या नेतृत्व क्षमता में अग्रणी होता है|
इस वर्ष हमारे विद्यालय में वार्षिकोत्सव फरवरी महीने में आयोजित किया गया| एक हफ्ते पहले से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई| विद्यालय की इमारत की रंगाई-पुताई की गई| स्कूल हॉल व मैदान में फर्नीचर लगाया गया| स्टेज को सजाया गया| उत्सव दिन में दो बजे प्रारंभ हुआ| जिला शिक्षा अधिकारी व विधायक महोदय मुख्य अतिथि थे| वे समय पर पहुचें| प्राचार्य महोदय ने पुष्प- गुच्छ से उनका स्वागत किया| सरस्वती वंदना और दीप- प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ| स्कोउट केडेट्स ने व्यायाम का प्रदर्शन किया| स्कूल बैंड ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति दी| ‘जल ही जीवन है’ विषय पर एक शिक्षाप्रद नाटक खेला गया| सभी कलाकारों ने सजीव अभिव्यक्ति प्रस्तुत की| सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के उपरांत प्राचार्य ने वार्षिक प्रतिवेदन पढ़कर सुनाया| बोर्ड परीक्षाओं में विद्यालय का परिणाम शत-प्रतिशत रहनेके लिए सभी अध्यापकों का अभिनंदन किया गया| उच्च प्राप्तांक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया| अन्य क्षेत्रों में विजेता रहे विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया| सारा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा| तदनन्तर मुख्य अतिथि महोदय ने संक्षिप्त भाषण दिया और विद्यालय की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया| विधायक महोदय ने अपने कोष से बड़ी राशि विद्यालय के विकास हेतु देने की घोषणा की| प्राचार्य महोदय ने उनका आभार व्यक्त किया| अतिथियों को हॉल में अल्पाहार हेतु ले जाया गया| मुझे वर्ष का सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी घोषित किया गया|
इस प्रकार एक अत्यंत हर्षदायक समारोह का समापन हुआ| सभी विद्यार्थी अपने द्वारा विजित प्रमाण-पत्र एक- दूसरे को दिखा रहे थे और इस सफलता के लिए तथा आगामी परीक्षाओंके लिए शुभकामना दे रहे थे| इस प्रकार वार्षिकोत्सव हर विद्यालय का मुख्य उत्सव होता है| ये विद्यार्थियों के उत्साह में अप्रतिम वृद्धि करता है और उन्हें अनेक प्रकार से प्रोत्साहन देता है|
हर विद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाने का समय और दिनांक निश्चित रहती है। जब वार्षिकोत्सव का समय पास आ जाता है तो लगभग एक माह पूर्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं को इसमें भाग लेना होता है। यह कार्यक्रम अध्यापकों की देखरेख में किया जाता है। इन सभी कार्यक्रमों के चलते भी विद्यालय अपनी नियमित कक्षाओं में बाधा नहीं पड़ने देता है।
वार्षिकोत्सव किसलिए :
विद्यालयों में मनाए जाने वाले वार्षिकोत्सव के कई प्रयोजन माने गए है। अपनी शिक्षा पूरी कर चुके छात्रों को प्रमाण-पत्र आदि
देकर विदा करना तो हर विद्यालय का प्रायोजन होता है। इसके अलावा वर्ष भर का लेखा-जोखा व उपलब्धियों पर सामूहिक समारोह करना भी होता है। इन सब के साथ वार्षिकोत्सव के अवसर पर विशेष रूचि तथा कलात्मक प्रतिभा रखने वालों को भी अपनी कलाएं और रूचियां प्रदर्शित करने का अवसर भी प्राप्त होता है। इस बहाने बच्चों के अभिभावक भी विद्यालय आकर बच्चों की प्रगति देख सकते हैं।