essay on vision about India in the year of 2047 in hindi. Please it is important
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Vision of India 2017
Dr. A.P.J. Abdul Kalam had a 2020 vision for India in which
he visualized India as one of the most advanced and developed countries of the world. The year 2020 appears to be round the corner and we as a nation appear to be far distant from the much coveted milestone. Although we have made quite bold strides in certain areas, we are still lagging behind in quite a many spheres.
In spite of the so many hindrances and adverse conditions, I cherish another vision. I have named this vision 'Mission 2047. By this mission and vision year we will have completed 100 years of independence. A hindered years quite a long time to dream and to make those dreams come true. I envision an India that will have attained not only self reliance in all the key areas and fields, but also having a considerable edge over other nations in technology, environmental management, defense, education, medical science, space exploration, economic growth and development.
I envision that the problems of corruption, poverty,
backwardness, and illiteracy totally removed from the face of my country by 2047. I envision Indian economy as the most established and developed economy in the world. I envision all the major cities of my country turned into the most advanced smart cities of the world where pollution level will be zero and all the facilities fully automated. I envision India doing ground breaking work in energy creation through renewable resources that will supply uninterrupted power supply to all the Indians without a break.
Explanation:
लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस अमृत काल (2022-2047) की बातें छेड़ी है, वह अनायास नहीं है बल्कि विजन 2047 के तत्वदर्शी और तथ्यान्वेषी निष्कर्षों का नतीजा है। वह चाहते हैं कि हमें उतना सामर्थ्यवान बनना होगा, जितना हम पहले कभी नहीं थे।
इसलिए वेग सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के बाद अब सबका प्रयास पर जोर दे रहे हैं, ताकि हममें सामूहिकता की भावना जगे और खंडित सोच से मिटे। वास्तव में, पीएम के नजरिये से अमृत काल का लक्ष्य है एक ऐसे भारत का निर्माण, जहां दुनिया का हर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, ताकि विकास पथ पर हमलोग निरंतर फर्राटे भरते रहें। इसलिए अब हम सबका कर्तव्य है कि उनके सपनों के नए भारत के पुनर्निर्माण में जुट जाएं। अब और विलम्ब न करें।
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वस्तुतः, 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'इंडिया एट 75' यानी आजादी के 75 वर्ष की बात की, तो दो टूक शब्दों में कहा कि आगामी 25 वर्ष अमृत काल है। इस अमृत काल खण्ड में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के सौ वर्ष तक ले जाएगी। लेकिन हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये इतना लम्बा इंतजार भी नहीं करना है, बल्कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हासिल करना है। क्योंकि हमारे लिए अब हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये दत्त-चित्त होकर प्रयास करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस बात में कोई दो राय नहीं कि पहले की तुलना में हम बहुत तेजी से बहुत आगे बढ़े हैं। लेकिन हमें सैचुरेशन तक जाना है, पूर्णता तक जाना है। शत-प्रतिशत गांवों में सड़के हों, शत-प्रतिशत परिवारों के बैंक अकाउंट हो, शत-प्रतिशत लाभार्थियों को आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को उज्ज्वला योजना और गैस कनेक्शन हों।
इसलिए पीएम स्वनिधि योजना अंतर्गत पटरी और फुटपाथ पर बैठकर सामान बेचने वाले, ठेला चलाने वाले साथियों को भी स्वनिधि योजना के जरिए बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है।