"एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी - कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए" - यह वाक्य किसने किससे कहा। *
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एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल
एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए। आशय - यह शब्द कर्नल खुल्लर ने अभियान दल के सदस्यों को कहे थे। जिनका आशय था कि एवरेस्ट पर पहुँचना एक महान अभियान है जिसमें खतरे तो रहते ही हैं।
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