examples for akarmak kriya in hindi
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- राजेश दौड़ता है।
- सांप रेंगता है।
- पूजा हंसती है।
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अकर्मक क्रिया उदाहरण, परिभाषा
विषय-सूचि
अकर्मक क्रिया की परिभाषा
अकर्मक क्रिया के उदाहरण
अकर्मक क्रिया के अन्य उदाहरण
अकर्मक क्रिया की परिभाषा
जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इस क्रिया में कर्म का अभाव होता है। जैसे : श्याम पढता है। इस वाक्य में पढने का फल श्याम पर ही पड़ रहा है। इसलिए पढता है अकर्मक क्रिया है।
जिन क्रियाओं को कर्म की जरूरत नहीं पडती या जो क्रिया प्रश्न पूछने पर कोई उत्तर नहीं देती उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं। अथार्त जिन क्रियाओं का फल और व्यापर कर्ता को मिलता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण
राजेश दौड़ता है।
सांप रेंगता है।
पूजा हंसती है।
जैसा कि आपने ऊपर दिए गए कुछ उदाहरणों में देखा है उनमें कोई कर्म नहीं है एवं क्रिया का सीधा फल कर्ता पर पड़ रहा है। जब कोई कर्म नहीं होता ही तब वहां अकर्मक क्रिया होती है। अतः ऊपर दिए गए उदाहरण अकर्मक क्रिया के अंतर्गत आयेंगे।
मेघनाथ चिल्लाता है।
रावण लजाता है।
राम बचाता है।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं की कर्म का अभाव है अर्थात कर्म नहीं है और क्रिया का सीधा फल करता पर पड़ रहा है।
जैसा कि हमें पता है कि जब कोई कर्म नहीं होता तो वहां पर अकर्मक क्रिया होती है। अतः ऊपर दिए गए उदाहरणों में अकर्मक क्रिया होगी एवं ये अकर्मक क्रिया के अंतर्गत आएंगे।
अकर्मक क्रिया के अन्य उदाहरण
सीता रोती है।
आशीष खाता है।
सुनील चढ़ता है।
मनीष सुनाता है।