English, asked by adilthoker, 8 months ago

exlain in detail the poetic work of sir mohmmad iqbal.make an analysis on any of his​

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Answered by gshanahmad8
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The Islamic world has witnessed the emergence of great number of Muslim scholars. The names of those who made positive contributions are mentioned till to these days. The poet-philosopher Allama Muhammad Iqbal is one of those great scholars who have left a legacy behind to be followed by other scholars particularly in the area of how to deal with the West. His own reconciliatory approach in dealing between the West and the Islamic world should be an interesting one. Within the confines of this paper, the researcher would like to explore and analyze the life, works and mission of Iqbal, focusing on his philosophical approach to Muslim ummah

फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का

न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है

सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसितां हमारा

ढूंढ़ता फिरता हूं मैं 'इक़बाल' अपने आप को

आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूं मैं

मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं

तन की दौलत छाँव है आता है धन जाता है धन

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है

मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी

दिल से जो बात निकलती है असर रखती है

पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं

तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतज़ार देख

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