Explain poem phool aur kante by poet ayodhya singh upadhyay
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फूल और कांटे – अयोध्या सिंह उपाध्याय
फूल और कांटे' अयोध्या सिंह 'उपाध्याय' जी द्वारा रचित कविता है | इस कविता में कवि ने यह सन्देश देना चाहा है कि किसी का कर्म ही होता है जो उसे महानता के शिखर पर ले जाते हैं |
मेहनत और अच्छे कर्म के साथ हम महानता के शिखर पर पहुंचते है |
इसमें उसका जन्म या कुल का कोई हाथ नहीं होता | इस बात को स्पष्ट करने के लिए कवि ने फूल और कांटे का चयन किया
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फूल और कांटे "अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध जैसे महान श्रेष्ठ कवि की रचना है। इस कविता के माध्यम से इन्होंने फूल के मान प्रतिष्ठा का बखान करते हुए फूल को सुखदाता, प्रेम एवं आदर्श का प्रतीक बताया है। इसकी महत्ता जगजाहिर एवं सर्वविदित है। इसके सुगंधित एवं निराले आकर्षक रंग से सभी प्रभावित होते हैं।
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