Explain the system of subsidiary alliance in hindi
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सहायक संधि (Subsidiary alliance) भारतीय उपमहाद्वीप में लार्ड वेलेजली (1798-1805) ने भारत में अंग्रेजी राज्य के विस्तार के लिए सहायक संधि का प्रयोग फ्रांसीसी गर्वनर डूप्ले ने किया था। लार्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार करने वाला प्रथम भारतीय शासक हैदराबाद के निज़ाम था। निजाम ने सन् 1798 में लार्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया था। ज्ञातव्य हैं कि अवध के नबाव ने नबम्वर 1801 मे, पेशवा बाजीराव द्धितीय ने दिसम्बर 1801, मैसूर तथा तंजौर ने 1799 में, बरार के भोसलें ने दिसम्बर 1803 में तथा ग्वालियर के सिंधिया ने फरवरी 1804, वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया। इसके अतिरिक्त जोधपुर, जयपुर, मच्छेढी, बुंदी, तथा भरतपुर के भारतीय नरेशों ने भी सहायक संधि को स्वीकार किया।
Answer :-
The system of the subsidiary alliance made Indian rulers let go of their armed forces and come under the protection of East India Company. The following changes occurred when this system came into being:
a. East India Company became the guardian of the territories that it took under the alliance
b. An English resident, who served as the EIC’s personnel, was appointed in the territory to keep a check on the ruler
c. The Indian rules were asked not to allow any other European companies to trade with them and enter their territory
d. Indian rulers were told to pay for the subsidiary armed forces of the EIC, disobeying which led to that part of the territory being forfeited by the company