Biology, asked by tarangkamble6855, 1 year ago

फेफड़ों द्वारा श्वसन किन दो क्रियाओं से पूर्ण होता है?

Answers

Answered by shobha35
7

Answer:

हमारी छाती में दो फुफ्फुस (फेफड़े) होते हैं - दायां और बायां। दायां फेफड़ा बाएं से एक इंच छोटा, पर कुछ अधिक चौड़ा होता है। दाएं फेफड़े का औसत भार 23 औंस और बाएं का 19 औंस होता है। पुरुषों के फेफड़े स्त्रियों के फुफ्फुसों से कुछ भारी होते हैं।

श्वास-क्रिया दो खण्डों में होती है। जब सांस अन्दर आती है तब इसे पूरक कहते हैं। जब यह श्वास बाहर हो जाती है तब इसे रेचक कहते हैं। प्राणायाम विधि में इस सांस को भीतर या बाहर रोका जाता है। सांस रोकने को कुम्भक कहा जाता है। भीतर सांस रोकना आंतरिक कुम्भक और बाहर सांस रोक देना बाह्य कुम्भक कहलाता है। प्राणायाम ‘अष्टांग योग’ के आठ अंगों में एक अंग है। प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से फेफड़े शुद्ध और शक्तिशाली बने रहते हैं। फुफ्फुस में अनेक सीमांत श्वसनियां होती हैं जिनके कई छोटे-छोटे खण्ड होते हैं जो वायु मार्ग बनाते हैं। इन्हें उलूखल कोशिका कहते हैं। इनमें जो बारीक-बारीक नलिकाएं होती हैं वे अनेक कोशिकाओं और झिल्लीदार थैलियों के जाल से घिरी होती हैं। यह जाल बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य करता है क्योंकि यहीं पर फुफ्फुसीय धमनी से ऑक्सीजन विहीन रक्त आता है और ऑक्सीजनयुक्त होकर वापस फुफ्फुसीय शिराओं में प्रविष्ठ होकर शरीर में लौट जाता है। इस प्रक्रिया से रक्त शुद्धी होती रहती है। यहीं वह स्थान है जहां उलूखल कोशिकाओं में उपस्थित वायु तथा वाहिकाओं में उपस्थित रक्त के बीच गैसों का आदान-प्रदान होता है जिसके लिए सांस का आना-जाना होता है

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Answered by manojghandh111
4

Answer:left and right

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