फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत हैं? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
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फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है , मेरे विचार से यह न्यायसंगत नहीं है | मनुष्य सिर्फ एक तरफ़ सोच रहा है | वह अपने लाभ के लिए , अपनी उन्नति के लिए वृक्षों की कटाई कर रहा है | मनुष्य को यह समझ नहीं आता की वह यह सब करके अपना ही नुकसान कर रहा है
पेड़ों के कटने से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण तापमान में वृद्धि होगी और ग्लोबल वार्मिंग होगी है। समय पर न बारिश होगी न गर्मी सब असंतुलित हो जाएगा | पेड़ पशु-पक्षियों का रहने का आवास हम वह नष्ट कर रहे है | पेड़ो की कतई के कारण प्रदुषण फ़ैल रहा है | हम सब को मिलकर पेड़ काटने से अच्छा कोई और हल निकालना चाहिए और कटाई पर रोक लगाई चाहिए |
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फैक्ट्रियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है।
इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत नहीं हैं।
Explanation:
जब पेड़ों को काटा जाता है तो वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप तापमान में वृद्धि होती है और ग्लोबल वार्मिंग होती है।
पेड़ वर्षा लाते हैं। इसलिए पेड़ों की संख्या में कमी से वर्षा में कमी होती है। पेड़ों की कटाई भी मिट्टी के भौतिक गुण में परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है जैसे पोषक तत्व और, मिट्टी की बनावट।