फूलों की राह पुरानी है. शूलों की राह नई साथी
सुमनों के पथ पर चरणों के कितने ही चिन्ह पड़े होंगे
लालायित फिर भी चलने को. कितने ही चरण खडे होंगे
पर, गैल अछूती शूलों की. जो चूमे वही जवानी है
जो लहू सींचकर बढ़ते है. उनका ही कूच रवानी है
जीवन की चाह पुरानी है. मरने की चाह नई साथी
फूलों की राह पुरानी है. शूलों की राह नई साथी
(क) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (1)
(ख) कौनसी राह अछूती रह जाती है?
(ग) किस राह को नई माना गया है और क्यों? (2)
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दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार होंगे...
(क) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
➲ उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक होगा...
► नई राह
(ख) कौनसी राह अछूती रह जाती है?
➲ शूलों की राह अछूती रह जाती है।
(ग) किस राह को नई माना गया है और क्यों?
➲ शूलों की राह को नई राह माना गया है।
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