फुल को देखकर कवि को क्या अनुभव हुआ?कवि ने वसंत ऋतु को धन्य क्यों माना?नन्हे फूल ने कवि से क्या कहा?'लौ' तथा 'अँधेरा' किसके प्रतीक हैं? खीच गई गंध की लकीर सी दुबारा कवि क्या कहना चाहते हैं?
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Answer:
:- वसंत ऋतु में कई त्यौहार मनाए जाते है, जैसे – वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।
होली
हमारा देश भारत विश्व का अकेला एवं ऐसा अनूठा देश है, जहँ पूरे साल कोर्इ न कोर्इ त्योहार मनाया जाता है। रंगों का त्योहार होली हिंदुओं का प्रसि़द्ध त्योहार है, जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
यह त्योहार रंग एवं उमंग का अनुपम त्योहार है जब वसंत अपने पूरे यौवन पर होता है। सर्दी को विदा देने और ग्रीष्म का स्वागत करने के लिए इसे मनाया जाता है। संस्कृत साहित्य में इस त्योहार को ‘मदनोत्सव’ के नाम से भी पुकारा जाता है।
होली के संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को अग्नि में जलाने के प्रयास में उसकी बुआ ‘होलिका’ अग्नि में जलकर स्वाहा हो गर्इ थी। इसी घटना को याद कर प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन फाग खेला जाता है। इस दिन छोटे-बड़े, अमीर-गरीब आदि का भेदभाव मिट जाता है। सब एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं, गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं। चारों ओर आनंद, मस्ती और उल्लास का समाँ बँध जाता है। ढोल पर थिरकते, मजीरों की ताल पर झूमते, नाचते-गाते लोग आपसी भेदभाव भुलाकर अपने शत्रु को भी गले लगा लेते हैं। परन्तु कुछ लोग अशोभनीय व्यवहार कर इस त्योहार की पवित्रता को नष्ट कर देते हैं।
हमारा कर्तव्य है कि हम होली का त्योहार उसके आदर्शो के अनुरूप मनाएँ तथा आपसी वैमनस्य, वैर-भाव, घृणा आदि को जलाकर एक-दूसरे पर गुलाल लगाकर आपस में प्रेम,एकता और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास करें।
मौखिक :
क. फूल को देखकर कवि को क्या अनुभव हुआ?
उत्तर- फूल को देखकर कवि को असीमित आनंद की प्राप्ति हुई और फूलों की सुगंध ने कवि के मन को अनायास ही अपनी और आकर्षित कर लिया।
ख. कवि ने वसंत ऋतु को धन्य क्यों माना?
उत्तर- कवि ने वसंत ऋतु को इसलिए धन्य माना क्योंकि इस ऋतु में चारों ओर रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। शीतल सुगंधिते सुरभित हवा चलती है पैड़ों पर नए नए पत्ते लगते हैं और समस्त वातावरण अत्यंत सुखद होता है।
ग. नन्हे फूल ने कवि से क्या कहा?
उत्तर- नन्हे फूल ने कवि से यह कहा कि वसंत ऋतु की धन्यता सिर्फ उसी की कमाई हुई नहीं है बल्कि मैंने और मेरे अनगिनत साथियों ने इसमें योगदान दिया है इसलिए मात्र वसंत ऋतु को ही नहीं अपितु हम सब नन्हे फूलों को भी इसका श्रेय दीजिए।
घ. 'लौ' तथा 'अंधेरा' किसके प्रतीक हैं?
उत्तर- लौ जीवन जीने की अदम्य और उत्कट इच्छा का प्रतीक है तथा अंधेरा जीवन की विषम और प्रतिकूल परिस्थितियों का प्रतीक है।
लिखित :
क. खिंच गई गंध की लकीर सी-वारा कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर- इस पंक्ति से कवि का यह तात्पर्य है कि वसंत ऋतु में जब कवि ने अपने चारों ओर रंग-बिरंगे फूलों को देखा और उनकी सुगंध को उसने अनुभूत कियाँ उसे ऐसा लगा कि जैसे सुगंध की एक लकीर जैसी उसके प्राणों तक खिंच गई हो।