Social Sciences, asked by rajawatranjana679, 7 months ago

फ्रांसीसी क्रांति का मसीहा किसे माना जाता है​

Answers

Answered by shanuraj4137
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Answer:

Franci kranti ka masiha Russo ko mana jata hai

Answered by dgmellekettil
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Answer:

फ्रांसीसी क्रांति के मसीहा रूसो को माना जाता है। रूसो का पूरा नाम ज्यां जाक रूसो था।

Explanation:

फ्रांस की क्रांति का मूल कारण।

  • सामाजिक असमानता।
  • लुई 16हवां का निरंकुश शासन , विलासिता प्रमुख कारण बना।
  • 1600 दास एवं दासियां उसकी सेवा में रत रहता था, और प्रजा भूख से पीड़ित रहती थी इसी क्रम में बीसवीं सदी की दुनिया के लोगों को फ्रांसीसी क्रांति से लोकतंत्र के सिद्धांत का पता चला और यह सिद्धांत धीरे-धीरे यूरोप के कुछ हिस्सों में पहुंच गए।

क्रांति की शुरुआत।

  • फ्रांस का एक वर्ग जो कूलीन था अपने भोग विलास में डूबा था, और क्रांति का सपना देख रहे राजनीतिक चिंतकों की सोच का उपहास करता था।
  • उन्हें ऐसी कल्पना भी नहीं थी कि ब्रेड और सस्ती शराब की व्यवस्था करने में लगे एक आम फ्रांसीसी देव तुल्य राजा के खिलाफ बगावत करेगी।
  • परंतु परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है ,फ्रांस में बौद्धिक जागृति प्रारंभ हो गई। लोग परिवर्तन की क्रांति के लिए बेचैन हो गए।

रूसो की भूमिका।

  • उसी समय पेरिस की धरती पर राजनीतिक परिदृश्य में रूसो का अवतरण हुआ एक निबंध प्रतियोगिता से ,जिसका विषय था 'विज्ञान और कला का विकास सामाजिक शुचिता को निखारती है अथवा नैतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है" इस निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से उनके बौद्धिक विचारों ने यूरोप में विख्यात कर दिया ।
  • उनका तर्क था कि अति आधुनिकता और प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान के विकास ने उस मनुष्य का नैतिक पतन किया है जो कभी खुश था और संतुष्ट जीवन जी रहा था यही विचारधारा उनके दर्शन का सिद्धांत बन गया।
  • रूसो ने मानव के अधिकारों को बताया और स्वतंत्रता ,समानता मनुष्य का जन्म सिद्ध अधिकार है बताया।
  • रुसो का कथन है मनुष्य स्वतंत्र पैदा होता है किंतु वह सर्वत्र जंजीरों से जकड़ा हुआ है रूसो की यह पंक्तियां मनुष्य की अज्ञानता को दूर करने का कार्य की ।
  • जमीन पर आधिपत्य और बढ़ती हुई महत्वकांक्षा में वृद्धि के कारण संघर्ष होने लगा तब रूसो के सिद्धांत पर लोगों ने पारस्परिक समझौते का सहारा लिया, इसी क्रम में रूसों ने कहा कि अंतिम शक्ति जनता में निहित है शासक वर्ग शासन का संचालन जनहित के लिए करें ,न कि अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए । राज्य की संप्रभुता को बचाए रखने के लिए रूसो ने सामान्य इच्छा पर आधारित एक ऐसे समाज की कल्पना की जो स्वतंत्रता समानता तथा भ्रातृत्व पर आधारित है।
  • आलोचकों ने रूसो की बहुत निंदा की एवं विरोध किया , पर बुराई पर अच्छाई जीतने लगी और रूसो फ्रांस की क्रांति के मसीहा कहे जाने लगे।
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