फ्रांसीसी क्रांतिकार्यो का मुख्य उदेश्य क्या है
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फ्रांसीसी क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य राजशाही को समाप्त करना और लोकतांत्रिक सरकार के लिए मार्ग प्रशस्त करना था lक्रांति के उद्देश्य यह दर्शाते हैं कि फ्रांसीसी क्रांति समानता ,स्वतंत्रता और बंधुत्व के लिए खड़ी थी l
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फ्रांसीसी क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य राजशाही को समाप्त करना और लोकतांत्रिक सरकार के लिए मार्ग प्रशस्त करना था। ... क्रांति के उद्देश्य यह दर्शाते हैं कि फ्रांसीसी क्रांति समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के लिए खड़ी थी।
Explanation:
अगर हम मानव और नागरिक अधिकार की घोषणा में निहित आदर्शों को फ़्रांसीसी क्रांति का उद्देश्य मानें, तो हमें भी मानना होगा कि संविधान सभा ने समानता के सिद्धांत का खुला उल्लंघन किया ।
यहाँ क्रांति के उद्देश्य और उपलब्धि में कोई सामंजस्य नहीं दिखायी पड़ता । क्रांति के दौरान राजतंत्र को समाप्त किया गया और राजा को फाँसी भी दी गई, किंतु यह उल्लेखनीय है कि राजतंत्र को समाप्त करना क्रांति का उद्देश्य नहीं था ।
राजा की निरंकुशता और उसके शासन करने के तरीके के प्रति जन-असंतोष था; किंतु राजतंत्र के प्रति असंतोष की अभिव्यक्ति हम कहीं नहीं पाते । यही कारण है कि संविधान-सभा ने राजतंत्र का प्रावधान किया ।
सोलहवें लूई ने अपनी गलती से अपना सर गँवाया बगैर राजतंत्र का समापन भी अवश्यंभावी कर दिया । और, इस प्रकार गणतंत्र का मार्ग प्रशस्त हुआ । निस्संदेह क्रांतिकारी धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांत की स्थापना करना चाहते थे, लेकिन चर्च की संपत्ति का राष्ट्रीयकरण क्रांति का घोषित उद्देश्य नहीं था ।
कर्ज की अदायगी के लिए चर्च की संपत्ति जब्त की गई और चर्च पर सरकारी नियंत्रण स्थापित किया गया । आरंभ में प्रतिक्रियावादी यूरोपीय देशों के विरुद्ध आक्रामक रवैया अपनाने की कोई योजना फ्रांसीसी क्रांतिकारियों में नहीं थी ।
लेकिन, यूरोपीय देशों द्वारा क्रांति की आलोचना और धमकियों तथा जिरोंदिस्त नेताओं के अतंर्राष्ट्रीय क्रांति की विचारधारा ने फ्रांस और प्रतिक्रियावादी यूरोप के बीच युद्ध को अवश्यंभावी बना दिया और अप्रैल, 1792 में फ्रांस और यूरोपीय देशों के बीच युद्ध छिड़ गया ।
इसी क्रांतिकारी युद्ध ने फ्रांस की क्रांति को अंतर्राष्ट्रीय बनाया । इस प्रकार, फ्रांस की आंतरिक समस्याओं से उत्पन्न फ्रांसीसी क्रांति परिस्थिति विशेष में अंतर्राष्ट्रीय और विश्वव्यापी बन गई ।
आतंकवादी सरकार की स्थापना करना कहीं भी क्रांतिकारियों का उद्देश्य नहीं था । लेकिन देश की सुरक्षा के लिए, गृह-युद्ध को समाप्त कर कानून और व्यवस्था की स्थापना के लिए तथा वित्तीय संकट से देश को उबारने के लिए नेशनल कन्वेबान को आपातकालीन सरकार की स्थापना करनी पड़ी ।
इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कठोर अनुशासन, महान देशभक्ति और बलिदान की आवश्यकता थी । फलतः विरोधी तत्वों की हत्या की गई, लोगों को देशभक्त बनने के लिए बाध्य किया गया और गरीबों के हित में क्रांतिकारी कदम उठाए गए ।
अत: स्वेच्छा से नहीं, बल्कि आपात स्थिति का सामना करने के लिए जैकोबिन नेताओं को आतंक राज्य की स्थापना करनी पड़ी । जैसे ही समसामयिक समस्याओं का समाधान हुआ, वैसे ही प्रगतिशील और आपातकालीन उपाय वापस ले लिए गए ।
मध्यमवर्ग फिर हावी हो गया । आतंक-राज्य के समाप्त होते-होते फ्रांस में नेतृत्व का संकट पैदा हुआ । कोई भी डायरेक्टर शब्द के सही अर्थ में राष्ट्रीय नेता नहीं था । भ्रष्ट और औसत योग्यता के डॉयरेक्टरों द्वारा फ्रांस का शासन संभालना मुश्किल हो गया ।