फ्रांसीसी क्रांति में दार्शनिकों के योगदान का वर्णन करें
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1789 की फ्रांसीसी क्रांति को वैधता दिलाने की प्रेरणा दार्शनिकों के विचारों ने दी। ... वाल्टेयर, दीदरो, मोंटेस्कू एवं रूसो के विचारों को फ्रांसीसी क्रांति के उद्भव से जोड़कर देखा जाता है।
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फ्रांसीसी क्रांति में दार्शनिकों के योगदान-
Explanation:
फ्रांसीसी क्रांति में फ्रांस के दार्शनिकों का अहम योगदान है। जॉन लॉक और ज्याँजाक रुसों जैसे दार्शनिकों ने स्वतंत्रता, समान नियमों तथा समान अवसरों के विचार पर आधारित समाज की परिकल्पना की है। वह किसी व्यक्ति की सामाजिक हैसियत का आधार उसकी योग्यता को मानने पर बल देते थे। लॉक में राजा के दैवीय और निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया था। रुसो ने इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा।
मॉन्टेस्क्यू ने दि स्पिरिट ऑफ द लॉज नामक रचना में सरकार के अंदर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात की। इनके विचारों ने फ्रांस के जनमानस को कांति के लिए प्रेरित किया।