Sociology, asked by vrsenthamizhan6046, 11 months ago

फ्रायड के अनुसार उचित-अनुचित का ज्ञान किसके द्वारा होता है?

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Answered by Anonymous
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Answer:

फ्रायड के अनुसार व्यक्तित्व का गत्यात्मक पक्ष तीन अवस्थाओं द्वारा निर्मित होता है -. १. इदं (Id ); २.

Answered by itzsakshii
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Explanation:

इसकी प्रवृत्ति अचेतन होती है अर्थात् से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है। इसको इच्छाओं की जननी कहते है। इड़ के स्तर पर व्यक्ति इन्द्रिय जनित सुखों की खोज करता है। ईड़ को अतृप्त इच्छाओं का भण्डार भी कहते है। इच्छा पूर्ति के द्वारा व्यक्ति को सुख की प्राप्ति‍ होती है।

1. सभी मनोदैहिक शक्तियों का आधार भूत स्रोत है।

2. काम प्रवृत्ति की मानसिक शक्तियों का भण्डार है।

3. सच्ची मानसिक यर्थातता है।

4. यह मन/मस्तिष्क का असभ्य भाग होता है। जिसमें आन्तरिक प्रवृत्तियों, मूल प्रवृत्तियों, इच्छाऐं निहित होती है। ये सुख-सिद्धान्त द्वारा निर्देशित होती है।

5. इदम हमारे अन्दर का पशु है, असभ्य अनियंत्रित प्रवृत्तियाँ है।

6. यह अच्छे बुरे के बीच काम नहीं कर सकता है।

7. यह नैतिकता या आशतिकता के विचार से होता है क्योंकि कोई सामाजिक मूल्य या सर्तकता नहीं होती है।

8. तर्कहीन होता है। सुख सिद्धान्त द्वारा प्रभावित होता है।

9. इसमें दबी हुई इच्छाऐं भावनाऐं और विचार निहित होते है।

10. काम प्रवृत्ति का झुण्ड (Reservior of Libido) होता है।

11. सभी मूल प्रवृत्ति का केन्द्र होता है। जीवन एवं मृत्यु मूल प्रवृत्ति। असभ्य आदतों के विकसित किये जाने को प्रोत्साहित करता है।

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