Hindi, asked by ssarmo284gmailcom, 27 days ago

फास्ट फूड के बारे में बताते हुए एक अनुच्छेद लिखिए​

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Answered by ItxAttitude
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इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं।

Answered by nayakmanisha126
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Answer:

जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरी, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

जंक फूड से मोटापा का खतरा

ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्य करण को बेकार करता है।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम

शोध के अनुसार, बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।

माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

निष्कर्ष

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

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