Hindi, asked by razaahmad23504, 3 months ago

फादर बुल्के के सन्यासी की परंपरागत छवि के अलग एक नई छवि प्रस्तुत की है कैसे​

Answers

Answered by 17122006
8

परंपरागत छवि के अनुसार संन्यासी को एक ऐसे प्राणी के रूप में दर्शाया जाता है जैसे वे सदैव एक जैसा स्वभाव ही धारण किए रहते है व इस संसार से अतिरिक्त हो अपना जीवयापन करते है।इस प्रकार वे अन्य मनुष्यों से अत्यधिक प्रभावित नहीं होते हैं। किंतु इस परंपरागत लीक से हटकर फादर कामिल बुल्के का चरित्र सामने आता है जो संन्यासी होकर भी आम मनुष्य की भांति ही एक सामाजिक व्यक्ति का जीवन जीते थे। वे तन से सन्यासी होकर भी में से परंपरागत संन्यासी के जीवन को नहीं अपनाया और अपना सम्पूर्ण जीवन में अनेक भावों को अनुभव किया तथा एक संन्यासी की नई छवि प्रस्तुत की।

Answered by Braɪnlyємρєяσя
9

: Required Answer

 \looparrowright परंपरागत रूप से संन्यासी एक अलग छवि लेकर जीते हैं। उनका विशेष पहनावा होता है। वे सांसारिकता से दूर होकर एकांत में जीवन बिताते हैं। उन्हें मानवीय संबंधों और मोह-माया से कुछ लेना-देना नहीं होता है। वे लोगों के सुख-दुख से तटस्थ रहते हैं और ईश वंदना में समय बिताते हैं।

फ़ादर बुल्के परंपरागत संन्यासियों से भिन्न थे। वे मन के नहीं संकल्प के संन्यासी थे। वे एक बार संबंध बनाकर तोड़ना नहीं जानते थे। वे लोगों से अत्यंत आत्मीयता से मिलते थे। वे अपने परिचितों के दुख-सुख में शामिल होते थे और देवदारु वृक्ष की सी शीतलता से भर देते थे। इस तरह उन्होंने परंपरागत संन्यासी से हटकर अलग छवि प्रस्तुत की।

Similar questions