फादर बुल्के मानवता के सच्चे पुजारी थे पाठ मानवीय करुणा की दिव्य चमक पर स्पष्ट कीजिए
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अभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तोअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथमुकुट बंधा था माथ हुए
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