Hindi, asked by sunnykushwah123, 6 months ago

फादर बुल्के मानवता के सच्चे पुजारी थे पाठ मानवीय करुणा की दिव्य चमक पर स्पष्ट कीजिए​

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Answered by tanish6660
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Explanation:

अभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तोअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथअभी तो मुकुट बंधा था माथ हुए कल ही हल्दी के हाथमुकुट बंधा था माथ हुए

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