फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है' − पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आश्य स्पष्ट कीजिए।
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उत्तर :
इस पंक्ति के द्वारा लेखक स्पष्ट करना चाहता है कि जब कोई व्यक्ति जो दृढ़ संकल्प कर लेता है तो फिर वह फल की चिंता नहीं करता। किसी भी काम का सुखद या दुखद अंत ईश्वर की इच्छा पर निर्भर करता है ।लेखक ने कुएं में घुसकर चिट्टियां निकालने का साहसिक निर्णय लिया। वह चिट्ठियों के लिए सांप से टकराने को तैयार था। उसने तो दृढ़ संकल्प कर लिया था और अब उसे फल की चिंता नहीं थी। अब चाहे मौत से ही सामना क्यों न हो अथवा सांप से बच कर उसे दूसरा जन्म मिलता उसने पीछे न हटने का निर्णय लिया था। उसने सब कुछ भगवान के ऊपर छोड़ दिया था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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