फसल को हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है lHappy Holi to u and your family stay safe ✨koi thanks deedo plz
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नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान फसल को 'हाथों से स्पर्श की गरिमा' और 'महिमा' कहकर क्या व्यक्त करना चाहता है? कवि ने लाखों-करोड़ों लोगों के द्वारा किए जाने वाले परिश्रम और उनकी एक निष्ठ लग्न के लिए 'हाथो के स्पर्श की गरिमा' और 'महिमा' कहा है। ... कवि को ऐसा लगा कि उस छोटे बच्चे की अपार सुंदरता तो ईश्वरीय वरदान के समान थी।
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