फटी पुस्तक कि आत्मकथा पर निबंध
Answers
Answer:
मैं एक बार कुरकुरे सफेद पन्नों वाली एक नई किताब थी|
Explanation:
मैं एक बार कुरकुरे सफेद पन्नों वाली एक नई किताब थी। मेरे पहले मालिक ने मेरी अच्छी देखभाल की और मैं बहुत खुश हुआ। दुर्भाग्य से, एक बार जब उसने परीक्षा पास कर ली तो मेरे लिए उसका कोई उपयोग नहीं था। इसलिए, उसने मुझे कक्षा में अपने एक जूनियर को उधार दे दिया ताकि उसे नई किताब न खरीदनी पड़े। मुझे नए मालिक से खुश होने की उम्मीद थी क्योंकि वह मेरे मूल मालिक की दोस्त थी। काश, मुझसे गलती हो जाती। पहले कुछ महीनों में ही, मेरे पास बहुत सारे कुत्ते के कान थे। इतने पर ही नहीं रुका। लड़की ने मुझे मोटे तौर पर संभाला और मेरे पन्ने पलटते समय बिल्कुल भी कोमल नहीं थी। मेरी पतली चादर फटने लगी और किताब से बाहर आने लगी। उसने भी अपनी कलम से मुझ पर सब कुछ लिखा। कुल मिलाकर, जब तक वह मेरे साथ समाप्त हुई, तब तक मैं पूरी तरह से बिखर चुकी थी। मैं अपने पहले मालिक के पास वापस जाना चाहता था जिसके हाथों में मैं सुरक्षित और आवश्यक महसूस करता था|
#SPJ2
फटी पुस्तक की आत्मकथा पर निबंध :
मैं एक पुस्तक हूँ। मैं आज के समय की पुस्तक हूँ। आज मेरी हालत सही नहीं है। अब मैं पुस्तकालय की अलमारियों में पड़ी हुई धूल खा रही हूँ। एक समय मेरा भी था। जब लोग मुझे बड़ी चाव से पढ़ते थे। मैं लोगों के घरों की की शोभा होती थी, लेकिन आज मैं उपेक्षित ही हूँ।
आज मैं अलमारी में पड़ी धूल खाती रहती हूँ। मेरे पन्ने फटे हुए हैं और कोई मेरी परवाह नहीं करता। ऐसा क्यों हुआ ? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि डिजिटल युग में सब लोग इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों पर चले गए हैं। लोग अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। मुझे पढ़ने का लोगों के पास समय नहीं है। यही मेरी व्यथा है, यही मेरी कहानी है।
मेरे पन्नों की सिलाई उधड़ गई है, और मेरे पन्ने बाहर की ओर निकले जा रहे हैं। लेकिन किसी को मेरी परवाह नहीं, क्योंकि अब लोगों को मेरी जरूरत नहीं रह गयी। एक समय जब लोगों को मेरी जरूरत होती थी तो लोग मुझे बड़े संभाल कर जिल्द चढ़ा कर रखे थे और मेरी देखभाल करते थे। लेकिन आज मेरा हाल बुरा हाल है।
मुझे मालूम है कि समय परिवर्तनशील है, लेकिन मुझे यह आशा नहीं थी कि मुझे इतनी अपेक्षा मिलेगी। यही मेरा दुख है, पुस्तक पढ़कर जो आनंद मिलता है, वह इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में पढ़कर नहीं मिलता। यह बात मेरे समय के लोग अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन आज की पीढ़ी शायद यह बात नहीं समझ पाती। वह मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों को ही सर्वोपरि मानती है, इसलिए वह मेरा महत्व नहीं जानती। यही मेरी सबसे बड़ी त्रासदी है।
#SPJ3
——————————————————————————————————————
कुछ और जानें :
https://brainly.in/question/41706830
चोरी और प्रायश्चित निबंध का उद्देश्य लिखिए?
http://brainly.in/question/36159485
निबंध के दो प्रधान अंग ?