few lines on statue of unity in hindi
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सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का पीएम नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को उद्घाटन कर दिया हैं। इस दिन पटेल जयंती है। जानकारी के लिए बता दें कि यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसके अलावा और भी बहुतेरी बातें हैं जो आपको इसके बारे में पता होनी चाहिए, चलिए बताते हैं।
यह प्रतिमा अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी है। इसकी लंबाई 182 मीटर है, यानी 597 फीट। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की लंबाई 93 मीटर है।
3/11 नर्मदा नदी पर स्थित यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर बनाई गई है और इसकी लंबाई इतनी ज्यादा है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है।
4/11 1700 टन है वजन इस प्रतिमा का कुल वजन 1700 टन है। इसके पैर की हाइट 80 फीट है। हाथ की ऊंचाई 70 फीट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है। प्रतिमा का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है।
इस प्रतिमा को बनाने में करीब 3 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया। इसकी आधारशिला 31 अक्टूबर, 2013 को पटेल की 138वीं वर्षगांठ के टाइम रखी गई थी। जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके लिए भाजपा ने पूरे देश में लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया गया था।
6/11 180 किलोमीटर प्रति घंटा चलती है हवा
यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रह सकेगा। इसके अलावा प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकती है।
7/11 चीन के कर्मचारियों ने भी दिया साथ
इस प्रतिमा के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ चीन के भी कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है। लगभग 200 कर्मचारी इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहे हैं।
8/11 ऊपर जाने के लिए लगी है लिफ्ट
इतना ही नहीं, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंचने के लिए लिफ्ट भी लगाई गई है। ये लिफ्ट प्रतिमा की छाती तक पहुंचेगी। वहां से खड़े होकर नर्मदा नदी का नजारा देखा जा सकता है। इसमें लेजर लाइटिंग की गई है। जिससे की रात की रौनल अलग ही होगी।
9/11 नहीं लगेगा जंग
सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को काफी अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के जरिए बनाया गया है। इसे बनाने में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है। इसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है।
10/11 वैली ऑफ फ्लॉवर भी बनाया
इस प्रतिमा के साथ-साथ 250 एकड़ में एक वैली ऑफ फ्लॉवर बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा तरह के फूलों के पौधे लगाए गए हैं। साथ ही यहां आने वाले लोगों के लिए खास तौर पर टेंट सिटी भी बनाई गई है। यहां 250 टेंट लगाए गए हैं, जहां गुजराती और आदिवासी खाने से लेकर नृत्य दिखाया जाएगा।
11/11 ये है भैया टिकट का दाम
प्रतिमा को देखने के लिए आपको पैसा भी खर्चा करना पड़ेगा। टिकट की दो कैटेगरी हैं। एक गैलरी देखने और एक बिना गैलरी वाली टिकट। अगर आप गैलरी, म्यूजियम और वैली ऑफ फ्लावर में जाना चाहते हैं तो पूरा नजारा देखना चाहते हैं तो तीन साल के बच्चों से लेकर व्यस्क तक 350 रुपये की टिकट लेनी होगी और 30 रुपये बस के देने होंगे। यानी एक आदमी का खर्चा 380 रुपये होगा। तो क्या प्लान है?
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