फ़ादर बुल्के की यातना भरी मृत्यु पर लेखक के मन में किस प्रकार के भाव उत्पन्न हुए और क्यों?
Answers
Answer:
यह प्रश्न ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’ द्वारा लिखित ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ से संबंधित है। लेखक के मन में फादर कामिल बुल्के की यातना भरी मृत्यु के बाद अनेक तरह के विचार और भाव उत्पन्न हुए।
लेखक फादर कामिल बुल्के को एक दिव्यात्मा मानता था और उनकी यातना भरी मृत्यु से लेखक आहत था। उसके मन में यह भाव उत्पन्न हुए कि फादर कामिल बुल्के जिनके हृदय में सदैव करुणा व्याप्त रहती थी। जो सदैव दूसरों की भलाई सोचते थे। राग और द्वेष जैसे शब्द अवगुण जिन्हें छू तक नही गए थे। जिनके मन में सदैव दूसरों के लिए ममता और अपनत्व का भाव रहता था। जिन्होंने अपना सारा जीवन दूसरों के लिये समर्पित कर दिया, ऐसी पुण्यात्मा की मृत्यु जहरबाद कैसी यातना भरी बीमारी से क्यों हुई।
Explanation:
लेखक फादर कामिल बुल्के को एक दिव्य आत्मा माना था और उनकी आत्मा भरी मृत्यु से लेखक आहा थे उनकी मृत्यु दिल्ली में एक बीमारी के चलते हुई थी और वह 73 वर्ष की जिंदगी जी कर इस दुनिया से चले गए