फ़ादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?
Answers
Ans-: परंपरागत रूप से ईसाई पादरी संसार से अलग जीवन जीते हैं ।
वह सामान्य संसारी लोगों से अलग वैराग्य की निरस्त जिंदगी जीते हैं ईसाई धर्म चार में अपना ही समय व्यतीत करते हैं । फादर बुल्के परंपरागत पादरियों से भिन्न थे होते हुए भी अपने परिचितों के साथ गहरा लगाव रखते थे। मैं उनसे मिलने के लिए सदा आते रहते थे तथा सबको गले लगाकर मिलते थे। वह संसारी लोगों से घुल मिलकर रहते थे वह धर्म की परवाह किए बिना अन्य धर्म वालों के उत्सव में भी घर के बड़े बुजुर्ग बनकर शामिल होते थे । वे कभी किसी को अपने से दूर कथा अलग नहीं प्रतीत होने देते थे लोग उन्हें पादरी नहीं अपितु अपना आत्मीय संरक्षक मानते थे।
Explanation:
फादर बुल्के ने सन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नई छवि प्रस्तुत की है फादर बुल्के अपनी वेशभूषा और संकल्प से सन्यासी थे परंतु मनवा से सन्यासी नीचे विशेष संबंध बनाकर नहीं रखते थे फादर बुल्के जिस से रिश्ता बना लेते थे उसे कभी नहीं तोड़ते थे