Find the value of sin
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प्रयुक्तियों से पूर्णत: भिन्न है। इसके अधिकांश शब्द प्राय: कार्यालयी प्रयोगों के लिए ही उसके अपने अर्थ में प्रयुक्त होते है। जैसे :
आयुक्त = Commissioner
निविदा = Tender
विवाचक = Arbitrator
आयोग = Commission
प्रशासकी = Administrative
मन्त्रालय= Ministry
उन्मूलन =Abolition
आबंटन = Alloment आदि।
हिन्दी में सामान्यत: समस्रोतीय घटकों से ही शब्दों की रचना होती है। जैसे संस्कृत शब्द निर्धन + संस्कृत भाव वाचक संज्ञा प्रत्यय ‘ता’ = निर्धनता। किन्तु अरबी-फारसी शब्द गरीब + ता = गरीबता। किन्तु अरबी-फारसी शब्द गरीब + अरबी-फारसी भाव वाचक संज्ञा प्रत्यय ‘ई’= गरीबी। हिन्दी
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