Hindi, asked by maitysisir5, 2 days ago

From the chapter धरती का ऑंगन.

भारत की आत्मा के गौरव के बारे में कवि ने क्या कहा है? 2marks

Answers

Answered by sabneprathmesh
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Explanation:

हाथ फैलाने वाला व्यक्ति स्वयं को भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं करता। इस कारण उसकी ऐसी दशा हो जाती है कि उसे दूसरों के आगे हाथ फैलाने पड़ते हैं। ... वह गरीबी का जीवन तथा दूसरे के आगे हाथ फैलाना उचित समझता है लेकिन बेईमानी की एक दिन की रोटी कमाना उचित नहीं समझता। इसलिए कवि ने उसे ईमानदार कहा है।17-Feb-2020

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