Hindi, asked by tasmiya17, 11 months ago

full meaning of mera prakriti Prem poem in hindi​

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Answered by shishir303
87

“मेरा प्रकृति प्रेम” कविता को हिंदी के प्रख्यात कवि ‘मुकुटधर पांडे’ ने लिखा है।

कवि कहता है कि हरे-भरे और नए-नए वृक्षों के मनोहारी दृश्य को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि संसार में इससे सुंदर दृश्य और कोई नहीं है, संसार के बाकी सारे दृश्य इस सुंदर आगे फीके लगते हैं।

कवि कहता है कि कल-कल बहते झरनों को देख कर मन को एक अद्भुत सुख मिल रहा है। बड़े-बड़े वृक्षों से लदे हुए विशाल पहाड़ बड़े-बड़े बागों को फीका कर रहे हैं। पेड़ों की लताओं और तनों पर बैठे हुए पक्षी मधुर स्वर में गीत गा रहे हैं। चारों तरफ तोता-मैना आदि पक्षी इधर-उधर घूम रहे हैं और ऐसे सुंदर दृश्य को देखकर जो सुख मिलता है वैसा सुख सांसारिक वस्तुओं को देखकर नहीं मिलता।

कवि कहता है कि पानी से भरे छोटे-छोटे ताल बड़े सुंदर प्रतीत हो रहे हैं और उनके चारों तरफ हरी हरी घास से सुसज्जित मैदान अद्भुत मनोहरी छटा बिखेर रहे हैं। वृक्षों की लताएं हवा में लहरा रही हैं जिससे जो बड़ी प्यारी लग रही हैं।

कवि कहता है कि प्रकृति के इन अद्भुत मनोहारी दृश्यों को देखकर जीवन के दुख-संताप आदि भूल जाते हैं। पहाड़ों के नीचे या नदी के तट पर घूमकर जो सुकून मिलता है वैसा सुकून सांसारिक जीवन में नहीं मिलता।

कवि कहता है कि नदी, समुद्र, पोखर, तालाब, बाग-बगीचे विविध रूप में प्रकृति की विविधता के दृश्यों की रचना कर रहे हैं। वृक्षों पर बैठे पक्षी चहचहा रहे हैं। चारों तरफ रंग-बिरंगे फूल महक कर वातावरण को सुगंधित किए हुए हैं।

कवि कहता है कि जंगल में एक विचित्र सी मनमोहक सुगंध छाई हुई है जिससे मन मदहोश हो उठा है। भंवरे और तितलियां फूलों पर मंडराने लगे हैं और उनकी गुंजन करती ध्वनि वातावरण को गुंजायमान कर रही है।

कवि कहता है कि प्रकृति के सुंदर दृश्यों को देखकर मन पुलकित हो रहा है और बार-बार और अनेक बार इन दृश्यों को देखने के बाद भी मन नहीं भर रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रकृति के इस मनोहारी दृश्य को निरंतर देखता रहूं। इतनी सुंदर प्रकृति की रचना करने वाले प्रकृति के रचियता को नमन।

Answered by luna99
21

Answer:

इस कविता में प्रकृति के सुंदरता को बताया गया है,

और उसका प्रभाव प्रकृति पे क्या परतआ है।

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