Hindi, asked by sendimple52, 24 days ago

(ग) आप मानते हैं कि हर एक आदमी को जाजी की जिंदगी में
दाखिल होना जरूरी है। जैसा मैं प्रायः कहता हूँ कि दुनियाँ
साझे की दुकान है और एक-एक बालिग आदमी का कर्तव्य
है कि उसका साझेदार हो। अगर इस कोशिश में आप
अपनी जात नहीं रवया देते, तो अप मनुष्य कहलाने का
कोई हक नहीं रखते।​

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Answered by hardypatel62476
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Answer:

आप मानते हैं कि हर एक आदमी को जाजी की जिंदगी में

दाखिल होना जरूरी है। जैसा मैं प्रायः कहता हूँ कि दुनियाँ

साझे की दुकान है और एक-एक बालिग आदमी का कर्तव्य

है कि उसका साझेदार हो। अगर इस कोशिश में आप

अपनी जात नहीं रवया देते, तो अप मनुष्य कहलाने का

कोई हक नहीं रखते।इस बार तो ऐसा लगता है की ये लेख मुझे बड़ा बना दिया गया है गया और उसने कहा था की आप अपने आप में से एक हैं जो कहीं और कहीं नहीं जाती हैं तो आप भी जानते हैं

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