(ग) “गंध की लकीर-सी' से क्या अभिप्राय 1point
है
O (1) गंध की रेखा
O (1) हृदय में सुगंध की अनुभूति
O (iii) खुशबू
O (iv) सुगंध से हृदय में प्रसन्नता की अनुभूति
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सही उत्तर है...
➲ (1) हृदय में सुगंध की अनुभूति
व्याख्या ⦂
✎... गंध की लकीर से अभिप्राय ह्रदय में सुगंध की अनुभूति से है। कवि कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से कहता है...
हँसते खिलखिलाते रंग-बिरंगे फूल
क्यारी में देखकर
जी तृप्त हो गया।
नथुनों से प्राणों तक खिंच गई
गंध की लकीर-सी
आँखों में हो गई रंगों की बरसात
अनायास कह उठा दिल वाह!
धन्य है वसंत ऋतु !
अर्थात चारों तरफ हँसते-खिलखिलाते क्यारी में लगे रंग-बिरंगे फूलों को देखकर कवि का मन प्रसन्न हो गया। फूलों की सुगंध कवि के अंदर तक बस गई। कवि का हृदय फूलों की सुगंध की अनुभूति से प्रफुल्लित हो उठा और उसकी आँखों के सामने फूलों की रंग-बिरंगी छटा लहराने लगी। कवि का हृदय बसंत ऋतु की अद्भुत छटा देखकर वाह-वाह कर उठा।
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