गृहकार्य
Tahilpa
कक्षा-8th
पाठ- सुदामा चरित
इन प्रश्नों के उत्तर अपनी किताब में लिखें एवं अपने शिक्षक के साथ
साझा करें।
सुदामा
को देखकर श्रीकृष्ण की मनोदशा क्या हुई?
प्रश्न: 1
प्रश्न: 2
"पानी परात को हाथ छुयो नंहि, नैनन के जल सों पग धोएं।''
प्रश्न:3
चोरी की बान में हो ज प्रवीने।"
इस प्रद में चोरी की विद्या में किसे प्रवीन कहा गया है?
प्रश्न: 4
अतिशयोक्ति अलंकार किसे कहते है?
प्रश्न: 5
पाठ में से आये हुए अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण को छाँट कर लिखो।
मामा को 1-27नासकारीकरण
2यरसने
-by udu
Answers
Answer:
mere me bhej do isko class 8 me mai bhi hun
Answer:
Ans 1. सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अत्यंत व्याकुल हो उठे। कृष्ण, जो दया के सागर हैं, वे अपने मित्र के लिए फूट- फूटकर रोने लगे। उन्होंने सुदामा के पैरों को धोने के लिए न तो परात उठाई और न ही पानी; उन्होंने अपने मित्र के पैरों को अपने अश्रुओं से धोया, जो उनकी अंतर्मन की पीड़ा को स्पष्ट करता है।
Ans 2. प्रस्तुत दोहे में यह कहा गया है कि श्रीकृष्ण ने अपने बालसखा सुदामा के आगमन पर उनके पैरों को धोने के लिए परात में पानी मंगवाया परन्तु सुदामा की दुर्दशा देखकर उनको इतना कष्ट हुआ कि आँसुओं से ही सुदामा के पैर धुल गए। अर्थात् परात में लाया गया जल व्यर्थ हो गया।
Ans 3. चोरी की बान में हो ज प्रवीने।"
इस प्रद में चोरी की विद्या में सुदामा को प्रवीन कहा गया है
Ans 4. परिभाषा- जहाँ किसी वस्तु का इतना बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाए कि सामान्य लोक सीमा का उल्लंघन हो जाए वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। अर्थात जब किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करने में लोक समाज की सीमा या मर्यादा टूट जाये उसे अतिश्योक्ति अलंकार कहते हैं।