ग-
'हम भी पेड़ों की तरह हरे-भरे भरे हो जाएँ' से लेखक का तात्पर्य है-
i) हम भी धूप और पानी में खड़े हो सकते हैं।
ii)
हम भी वृक्षों की तरह मजबूत हो सकते हैं |
iii) हमारी आयु भी वृक्षों की तरह लंबी हो सकती है।
iv) हम भी आनंद और उल्लास से भरा जीवन जी सकते हैं।
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iv hum bhi aanand aaur ullas se bhara jivan ji sakte hai
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