Hindi, asked by LIBAKHAN2012, 6 hours ago

गेहन ूँ, चािल, बाजरा, जौ आदि अर्ाज हैं. चािल का ककस-ककस रूप में इस्तेमाल ककया जाता है?​

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Answered by anirudhkaushik100
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best grain for roti

अगर मौजूदा समय के डाइट ट्रेंड्स को देखा जाए तो हम पाएंगे कि अक्सर डेयरी फ्री और ग्लूटेन फ्री डाइट्स को ज्यादा महत्व दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल केमिकल्स आदि के कारण अनाज और अन्य खाद्य पदार्थ उतने शुद्ध नहीं रह गए हैं और यही कारण है कि अशुद्ध अनाज को पचाना मुश्किल हो गया है और गैस आदि की समस्याएं होती रहती हैं। अगर देखा जाए तो ग्लूटेन और डेयरी फ्री का इस्तेमाल इसीलिए किया जाता है ताकि खाना आसानी से पच सके और वेट लॉस में मदद मिले।

अगर हम कहें कि ग्लूटेन और डेयरी फ्री को अगर आप सही तरह से फॉलो नहीं कर रहे हैं तो गैस की समस्या ज्यादा हो जाएगी तो शायद आप विश्वास कर लें, लेकिन अगर हम कहें कि अधिकतर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता तो शायद आपको थोड़ा अलग लगे। दरअसल, कई लोग ये जानते ही नहीं है कि वो ग्लूटेन को पचा नहीं सकते हैं या फिर उन्हें डेयरी से दिक्कत हो रही है और इस बारे में पता लगाने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने एक अच्छा तरीका बताया है।

न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने बाजरे और ग्लूटेन फ्री डाइट और गेहूं के आटे की रोटी को लेकर एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। इस वीडियो में पूजा मखीजा बता रही हैं कि कैसे गेहूं के आटे की रोटी या बाजरे की रोटी में से आपको क्या चुनना चाहिए और आप कैसे ये तय कर सकते हैं कि आपको ग्लूटेन सेंसिटिविटी है या नहीं।

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कैसे पता करें ग्लूटेन सेंसिटिविटी के बारे में?

न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा के मुताबिक आपको इसका पता करने के लिए धीरे-धीरे काम करना होगा। आपको पहले अपनी डाइट में से ग्लूटेन से संबंधित चीज़ों को हटाना होगा और फिर अपने शरीर में हो रहे बदलावों को देखना होगा। आप सिर्फ रोटी में बदलाव करके फर्क देखें। इसके बाद दोबारा उसे कुछ दिन के लिए अपनी डाइट में शामिल करें और अगर आपको अपच, गैस्ट्रिक समस्याएं, सिरदर्द, नींद में कमी या शरीर में कुछ और खराब बदलाव दिख रहे हैं तो यकीनन आपको ग्लूटेन सेंसिटिविटी है। पूजा मखीजा का कहना है कि आज के जमाने में अनाज इतना ज्यादा शुद्ध नहीं होता है और इसलिए ये समस्या होती है कि इसे पचाने में मुश्किल होती है।

क्या होता है ग्लूटेन?

ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन होता है जो गेहूं, राई, जौ आदि में पाया जाता है। गेहूं ही सबसे आम अनाज है जिसमें बहुतायत में ग्लूटेन पाया जाता है। जब आटे को पानी से मिलाया जाता है तो एक चिपचिपा डो बनता है और ये भी ग्लूटेन प्रोटीन की वजह से ही होता है। वैसे तो ग्लूटेन कई लोगों को सूट करता है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इसे खा तो लेते हैं, लेकिन उन्हें इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में उन्हें नहीं पता होता है।

आपको पूरी तरह से ग्लूटेन फ्री खाना खाने की जरूरत तब तक नहीं है जब तक आपको इससे समस्या न होती हो। अगर आपको ग्लूटेन फ्री खाने से कुछ फायदे समझ आता है तभी इसे चुनें।

grains and gluten

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बाजरे की रोटी या गेहूं की रोटी-

न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा का कहना है कि ज्वार, बाजरा, रागी आदि की रोटी आपको वैसी ही फीलिंग देगी जैसी गेहूं की रोटी देती है। आपका पेट वैसे ही भरेगा और साथ ही साथ आपको उसी तरह की फीलिंग आएगी। ग्लूटेन वैसे तो कई लोगों को कोई समस्या नहीं करता है, लेकिन अगर आपने खराब क्वालिटी या ज्यादा केमिकल वाला अनाज खाया है तो ये पचने में मुश्किल करता है।

अगर आपको ग्लूटेन खाने से कोई समस्या हो रही है तो ही इसे पूरी तरह से अपनी डाइट से हटाएं नहीं तो आप कई अन्य तरह के अनाज के साथ मिलाकर या स्वैप कर करके रोटी खा सकते हैं। किसी एक तरह की रोटी खाने से अच्छा है कि अलग-अलग तरह के अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।

आपकी डाइट में क्या खास होना चाहिए इसके लिए आप अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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